बड़ाभाणुजा । बड़ाभाणुजा गांव स्थित करधर दरबार में नवनिर्मित शिखर मंदिर ध्वजा, कलश स्थापना एवं प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव के तीसरे दिन सोमवार को श्रद्धालुओं की खासी भीड़ उमड़ पड़ी। स्थानीय सहित दूरदराज के क्षेत्रों के अलावा विभिन्न प्रान्तों से बड़ी संख्या में आए भक्तों ने अपने इष्टदेव के दर्शन किए और यहां चल रहे विभिन्न कार्यक्रमों में भागीदारी कर धर्मलाभ लिया। पांच दिवसीय महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम मंगलवार से होंगे।
धार्मिक अनुष्ठानों की कड़ी में पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ आवाहित देवताओं का हवन व भैरव सहस्त्र नामावली हवन किया। जिसमें धर्मप्रेमियों ने हिस्सा लेते हुए आहुतियां दी। साथ ही जलाधिवास व धूपाधिवास आदि अनुष्ठान भी हुए। महोत्सव के चलते करधर बावजी की विशेष सेवा-पूजा व श्रंगार किया गया। अनुष्ठानों का क्रम दिनभर चलता रहा और इसके बाद संध्या आरती हुई। इधर, मंदिर में दर्शन के लिए सुबह से ही भक्तों का आना शुरू हो गया था जो देर रात तक लगातार सतत् चलता रहा। दर्शन के दौरान श्रद्धालु बार-बार करधर नाथ के जैकारे लगाते रहे। इसी तरह बीच-बीच में बैण्ड पर प्रभु की स्तुति में भक्ति संगीत की स्वर लहरियां बिखरती रही, वहीं ढोल की थाप पर महिलाओं व बालिकाओं ने खूब नृत्य कर अपने आनंद और करधर धाम के प्रति अपना आस्था भाव प्रकट किया। इस दौरान बने भावपूर्ण माहौल के कारण पुरूष भी स्वयं को झूमने से नहीं रोक पाए। सुबह से शाम तक निरंतर वैदिक मंत्रोच्चारण, जयकारों एवं भक्ति संगीत के चलते अरावली पर्वतमाला का सम्पूर्ण परिवेश भक्तिमय बना रहा। इससे पहले सुबह करधर बावजी की महाआरती हुई जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। दूसरी ओर करधर धाम में भक्तों की आवक में बेतहाशा इजाफा होने एवं अगले दो दिन मुख्य कार्यक्रम होने के मद्देनजर आयोजन समिति पदाधिकारियों, सेवाभावी कार्यकर्ताओं सहित ग्रामवासियों ने और अधिक तत्परता से जुटते हुए तमाम व्यवस्थाएं सुदृढ़ कर दी है। सर्वश्री अध्यक्ष रामचन्द्र पुरोहित, मंत्री धर्मनारायण पुरोहित, कोषाध्यक्ष पन्नालाल पुरोहित व शंकरलाल पुरोहित ने पालीवाल वाणी को बताया कि आस्था के महासुमंद में भक्तों ने अपनी आस्था प्रकट करते हुए दर्शन् किए। समिति सदस्यों की अगुवाई में सैकड़ों कार्यकर्ता पेयजल, भोजनशाला, पार्किंग, स्वच्छता, रोशनी, स्वागत-स मान जैसी सभी व्यवस्थाओं के लिए मोर्चा संभाले हुए है।
इस बीच, मंदिर प्रांगण में कार्यक्रम हुआ जिसमें समिति अध्यक्ष श्री रामचन्द्र पुरोहित व मंत्री श्री धर्मनारायण पुरोहित ने उपस्थित जन समूह के समक्ष करधर धाम में प्रस्तावित भोजनशाला की रूपरेखा पेश की। पालीवाल वाणी को उन्होंने आगे बताया कि भोजनशाला शीघ्र शुरू होगी जिसकी कार्ययोजना बन गई है। सेवा भावना से स्थापित होने वाली यह भोजनशाला दीर्घकाल तक नियमित संचालित होगी जहां श्रद्धालुओं को न्यूनतम दर पर भोजन मुहैया कराया जाएगा। इस पर भोजनशाला स्थापना के लिए मौके पर ही कई भक्तों ने इस उत्साह दिखाते हुए सहयोग राशि देने की घोषणा की जबकि भोजनशाला के उद्घाटन के लिए बोली की रस्म निभाई गई। इसके तहत मचीन्द हाल मुंबई निवासी सर्वश्री शंकरलाल जी, भंवरलाल जी , किशनलाल जी, राजकुमार जी, भैरूलाल जी, लक्ष्मीलाल जी, मुकेश जी व विनोद कुमार एवं सांखला परिवार ने सर्वाधिक राशि के साथ बोली अपने नाम की। इस पर उपरणा व पगड़ी पहनाकर उनका सम्मान किया गया। इस अवसर पर महोत्सव संबंधी विभिन्न सेवा कार्यो में सहयोग देने वाले भामाशाहों का सम्मान किया गया। प्रतिष्ठा महोत्सव समिति अध्यक्ष श्री रामचन्द्र पुरोहित, मंत्री श्री धर्मनारायण पुरोहित आदि ने इनका उपरणा, मेवाड़ी पगड़ी, शॉल एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया। इस दौरान मचीन्द निवासी बाल नृत्यांगना कंकू भील ने राजस्थानी भक्ति गीत पर प्रस्तुती देकर सभी का मन मोह लिया। संचालन कार्यक्रम संयोजक श्री मांगीलाल मादरेचा (सेमा) ने किया।
मंगलवार सुबह छह बजे करधर अमृत कलश शोभायात्रा शाही ठाठ-बाठ से निकली। शोभायात्रा में बैण्ड-बाजे, डीजे, सजे-धजे अश्व, गजराज, ऊंट, घुड़सवार, कई धार्मिक व सांस्कृतिक झांकियां आदि शामिल हुए वहीं सुसज्जित रथ में अमृत कलश विराजित रहा जो भक्तों का आकर्षण रहा। साथ में कुछ अन्य रथ भी चल रहे थे। शोभायात्रा करीब तीन किमी तक चलकर करधर धाम पहुंचेगी। इसके बाद नौ बजे से ध्वजा व कलश की बोलियों की रस्म मंदिर प्रांगण में पूर्ण की जाएगी तथा धर्मलाभ लेने के लिए भक्त बोली लगाएंगे। अनुष्ठानों के तहत पुष्पाधिवास, फलाधिवास, महास्नान, शय्याधिवास, शिखर अभिेषक व संध्या आरती आदि होंगे। इसके बाद रात आठ बजे मंच पर बाबूलाल प्रजापति एवं आर्केस्ट्रा दल की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां होगी वहीं मेक इन इण्डिया फेम कलाकार कोमल कोठारी सेमा भी अपनी कला प्रदर्शित करेगी। अंतिम दिन बुधवार को सुबह सात बजे महोत्सव का मु य कार्यक्रम शुरु होगा जिसके तहत वैदिक रीतिनुसार मंदिर शिखर पर ध्वजा एवं कलश स्थापना की जाएगी वहीं मु य द्वार का उद्घाटन भी होगा। प्रतिष्ठा की वेला में हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। इसके बाद दस बजे से जग महोत्सव (स्वामी वात्सल्य) कार्यक्रम शुरू होगा जो शाम तक चलता रहेगा।
रात्रिकालीन कार्यक्रमों के तहत रविवार को भक्ति व सांस्कृतिक संध्या आयोजित हुई। मंदिर प्रांगण स्थित मंच पर हुए कार्यक्रम में उदयपुर से आए त्रिलोक राव एव ंदल के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियों से वातावरण को भक्ति भाव से पूर्ण कर दिया। विभिन्न भजनों के साथ आकर्षक झांकियां भी सजाई गई जो आकर्षण रहा। मध्य रात्रि तक चले कार्यक्रम में बड़ी सं या में श्रद्धालु मौजूद थे।
पालीवाल वाणी ब्यूरो-महावीर व्यास, धर्मनारायण पुरोहित ✍️
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