चालू वित्त वर्ष में घरों की कीमतें 8-10 प्रतिशत तक बढ़ी हैं और 2023-24 के दौरान इनमें और पांच प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने मंगलवार को यह अनुमान लगाया है। रेटिंग एजेंसी ने 2023-24 के लिए आवासीय रियल एस्टेट क्षेत्र के परिदृश्य को संशोधित करते हुए ‘सुधार’ से बदलकर ‘तटस्थ’ कर दिया।
उसने एक बयान में कहा, ‘‘ऊंची निर्माण लागत, बढ़ती आवास ऋण दरें और घरेलू तथा वैश्विक स्तर पर मंदी के बावजूद आवासीय रियल एस्टेट बाजार में 2022-23 में तेजी बरकरार रही है (रियल एस्टेट के शीर्ष आठ क्षेत्रों के लिए सालाना आधार पर बिक्री में 15 प्रतिशत की वृद्धि)।’’ इसमें कहा गया कि मंदी और मुद्रास्फीति संबंधी दबावों से निकट भविष्य में मांग कुछ हद तक प्रभावित हो सकती है लेकिन ऐसी उम्मीद है कि बाजार दबाव को झेल लेगा। एजेंसी ने कहा कि मांग में वृद्धि भी हो सकती है।
इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा, ‘‘2022-23 में सालाना आधार पर संपत्ति के दामों में 8-10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, 2023-24 में इसमें और पांच प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।’’ उसने कहा कि 2021-22 में आवास बिक्री के पीछे मुख्य वजह इनके कम दाम रहे हैं। हालांकि, मुद्रास्फीति बढ़ने और रेपो दरों में वृद्धि से किफायती श्रेणी के घरों में मांग 2022-23 में कुछ प्रभावित हुई।