कर्नाटक.
कर्नाटक के बेल्लारी जिला अस्पताल की प्रसूति वार्ड में अब तक 5 महिलाओं की मौत हो चुकी है. पिछले महीने 4 और इस महीने एक और महिला की मौत से यह आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. अस्पताल में 34 सीजेरियन डिलीवरी के मामले सामने आए थे, जिनमें 7 मामले जटिल पाए गए.
इनमें पहले 4 और अब 1 और मौत हो गई है. सभी महिलाओं को रिंगर लैक्टेट नामक इंजेक्शन दिया गया था. लिहाजा अब इस दवा पर भी सवाल उठ रहे हैं. लगातार हो रही मौत के बाद बीजेपी ने सवाल उठाया है. जिस पर स्वास्थ्य मंत्री ने गलत होने पर इस्तीफा देने की बात कही है.
कर्नाटक में बेल्लारी के जिला अस्पताल के प्रसूति वार्ड में हुई 5 महिलाओं की मौत के मामले पर राज्य की सिद्धारमैया सरकार पूरे घटना को लेकर एक्शन में है. घटना को गंभीरता से लेते हुए पूरे मामलें पर बैठक ली और कड़ा रूख अपनाते हुए कहा कि हमारी सरकार में ऐसी किसी भी चीज की इजाजत नहीं है, जो इंसान की जिंदगी के लिए खतरनाक हो. उन्होंने आरोपियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने इसकी लोकायुक्त से शिकायत की है.
प्रसूती वार्ड में मौत के मामले पर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडुराव ने बीजेपी नेताओं पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर मैं गलत हूं तो इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं. उन्होंने सख्ती दिखाते हुए कहा कि ऐसे केस में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए. कर्नाटक सरकार ने ये भी कहा कि हम इस मामले में पहले ही दवा कंपनी के खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी कर चुके हैं.
पता ये भी चला है कि मृतकों को अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पहले से भी थीं. डॉक्टरों की टीम ने कहा कि बाकी मरीजों का इलाज चल रहा है, वे धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं. जानकारी के मुताबिक कर्नाटक स्टेट ड्रग्स लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग की रिपोर्ट में कहा गया है कि रिंगर लैक्टेट दवा का उपयोग उचित नहीं है. सभी गर्भवती महिलाओं को रिंगर लैक्टेट (ringer lactate) इन्फ्यूजन दिया गया, जिसके बाद सभी बीमार हो गईं.
लिहाजा अब सवाल ये उठ रहे हैं कि डॉक्टरों ने इसका इस्तेमाल क्यों किया? रिंगर लैक्टेट एक ऐसी दवा है जिसका उपयोग डॉक्टर आमतौर पर शरीर में द्रव संतुलन को बहाल करने के लिए करते हैं. कर्नाटक में इस साल अब तक 327 गर्भवती महिलाओं की मौत हो चुकी है. कर्नाटक सरकार ने इन घटनाओं को लेकर गंभीर होने की बात कही है. राज्य में हुए मौत के मामलें को लेकर बीजेपी ने पूरे मामले की लोकायुक्त से शिकायत की है.
बेल्लारी जिला अस्पताल में 9 नवंबर से 11 नवंबर के बीच 34 सीजेरियन डिलीवरी के मामले सामने आए थे, जिनमें से 7 मामलों में पाया गया कि ऑपरेशन जटिल थे और उनमें पहले 4 और फिर 1 और मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक सभी गर्भवती महिलाओं को रिंगर लैक्टेट (ringer lactate) IV इन्फ्यूजन दिया गया, जिसके बाद सभी बीमार हो गईं. कर्नाटक स्टेट ड्रग्स लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दवा का उपयोग उचित नहीं था. लिहाजा अब सवाल ये उठ रहे हैं कि डॉक्टरों ने इसका इस्तेमाल क्यों किया?
बीजेपी ने पूरे मामले को लेकर लोकायुक्त से शिकायत की है. इस साल अब तक राज्य में 327 गर्भवती महलाओं की मौत हो गई है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा है कि सरकार इन घटनाओं को लेकर गंभीर है. हमने हर चीज की जांच करने का निर्देश दिया. ऐसे मामलों में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए. दवा कंपनियों की सुरक्षा के लिए कानून बनाए गए हैं.