राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के कार्यकर्ता बहुत ही जल्द ही हाईटेक होने वाले हैं। बीजेपी की तर्ज पर आरएसएस में खुद का आईटी सेल बनाने पर काम चल रहा है। इसके तहत एक-एक स्वंयसेवक सोशल मीडिया से जुड़ेगा और दमदार तरीके से अपनी बात रखेगा। अभी तक आमतौर पर संघ और स्वयंसेवक सोशल मीडिया से दूरी बनाकर रखते थे लेकिन कुछ ही महीनों में संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिलने वाला है।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ ग्रामीण और दुर्गम इलाकों में शाखाओं या फिर सेवा कार्यों के जरिए ही अपने विचारों को रख पाते हैं। इसके अलावा उनके पास कोई दूसरा साधन नहीं हैं लेकिन अब सोशल मीडिया से जुड़ने के बाद असानी से अपनी बात रख पाएंगे। संघ के बड़े स्तर के पदाधिकारी सोशल मीडिया से जुडे़ तो हैं, लेकिन ज्यादा ऐक्टिव नहीं हैं।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ आईटी सेल को स्थापित कर संवाद करने का बड़ा माध्यम बनाने जा रही है। सोशल मीडिया पर अपनी बात कैसे रखनी है, इसके साथ ही अपने विचारों से किस प्रकार लोगों को संतोषजनक तरीके से समझा सकते हैं। तर्को के साथ लोगों के मन के अंदर की भ्रांतियों को कैसे दूर किया जा सकता है, इसका प्रशिक्षण स्वयंसेवकों को दिया जाएगा।
आरएसएस बड़ी संख्या में डिजिटल वांलटियर्स तैयार करेगी। यह डिजिटल वांलटियर्स जमीनी स्तर पर संघ के विचारों की कमान संभालेंगे। डिजिटल होने के बाद शाखा स्तर के स्वंयसेवक वर्चुअल मीटिंग से जुड़ेंगे। इसके साथ ही सूचनाओं का अदान-प्रदान किया जाएगा और उनकी समस्याओं को दूर किया जाएगा।
राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ की चित्रकूट में बैठक चल रही है। अगले वर्ष यूपी, उत्तराखंड, पंजाब समेत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव होने है। चिंतन बैठक में तय किया गया है, कि सभी स्वयंसेवक सरकार की छवि बनाने के कार्य में जुट जाएं। चुनावी अभियान की शुरूआत नवरात्र से की जाएगी। चुनाव अभियान के मुहुर्त पर मुहर लगा दी गई है।