सुरक्षित और एक तय रिटर्न मिलने के कारण फिक्स्ड डिपॉजिट यानी FD को निवेश का एक अच्छा साधन माना जाता है, लेकिन FD में बिना सोचे-समझे निवेश करना भी ठीक नहीं है। FD कराते समय इसकी अवधि और FD तुड़वाने पर लगने वाली पेनल्टी सहित कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए।
FD में निवेश करने से पहले उसके टेन्योर (अवधि) को लेकर सोच-विचार करना जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि अगर निवेशक मेच्योरिटी से पहले विड्रॉल करते हैं, तो उन्हें जुर्माने का भुगतान करना होगा। FD मेच्योर होने से पहले उसे ब्रेक करने पर 1तक की पेनल्टी देनी पड़ेगी। इससे डिपॉजिट पर कमाए जाने वाला कुल ब्याज कम हो सकता है।
यदि आप किसी एक बैंक में FD में 10 लाख रुपए का निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो इसकी जगह एक से ज्यादा बैंकों में 1 लाख रुपए की 8 FD और 50 हजार रुपए की 4 FD में निवेश करें। इससे बीच में पैसों की जरूरत पड़ने पर आप अपनी जरूरत के हिसाब से FD को बीच में ही तुड़वाकर पैसों की व्यवस्था कर सकते हैं। आपकी बाकी FD सेफ रहेंगी।
आपकी FD से मिलने वाले ब्याज पर इनकम टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स लगता है। अगर FD पर कमाया गया ब्याज एक वित्तीय वर्ष में 10 हजार रुपए से ऊपर होता है, तो उस ब्याज पर TDS डिडक्शन होता है। यह कुल कमाए गए ब्याज का 10होगा। सीनियर सिटीजंस के लिए ये लिमिट 50 हजार है। हालांकि अगर आपकी आय टैक्सेबल रेंज से कम है, तो आप FD पर TDS डिडक्शन नहीं होने देने के लिए बैंक को फॉर्म 15G और फॉर्म 15H सब्मिट कर सकते हैं।
बैंकों में पहले तिमाही और सालाना आधार पर ब्याज का विड्रॉल करने का ऑप्शन था। अब कुछ बैंकों में मासिक विड्रॉल भी कर सकते हैं। आप अपनी जरूरत के हिसाब से इसे चुन सकते हैं।
अगर आप समय से पहले FD तुड़वाते हैं तो आपको उस दर से जिस पर आपने FD की है, वह ब्याज नहीं मिलता है। जैसे मान लीजिए कि आपने 1 लाख रुपए की FD 1 साल के लिए 6की दर से की, लेकिन आप उसे 6 महीने बाद ही तोड़ देते हैं और 6 महीने की FD पर 5सालाना की दर से ब्याज मिल रहा है, तो ऐसे में बैंक आपके पैसों पर 5की दर से ब्याज देगा, न कि 6की दर से।
देश के सबसे बड़े बैंक SBI के नियम के अनुसार अगर कोई व्यक्ति 5 लाख रुपए तक की FD कराता है, तो उसे FD मेच्योर होने से पहले उसे ब्रेक करने पर 0.50पेनल्टी देनी पड़ेगी। इसी तरह 5 लाख से ज्यादा और एक करोड़ से कम की FD पर 1पेनल्टी समय से पहले ब्रेक करने पर देनी होगी। अवधि के हिसाब से ब्याज सुनिश्चित करने के बाद (जैसा कि ऊपर बताया गया है) उसमें से FD की रकम के हिसाब से 0.50 या 1ब्याज की कटौती करके आपको आपका पैसा दिया जाता है। ज्यादातर बैंक 1तक ही पेनल्टी वसूलते हैं।
आप अपनी FD पर लोन भी ले सकते हैं। इसके तहत FD की वैल्यू का 90तक आप लोन ले सकते हैं। मान लीजिए आपकी FD की कीमत 1.5 लाख रुपए है तो आपको 1 लाख 35 हजार रुपए लोन मिल सकता है। अगर आप FD पर लोन लेते हैं तो आपको FD पर मिलने वाले ब्याज से 1-2ज्यादा ब्याज देना होगा। जैसे मान लीजिए की आपकी FD पर 4ब्याज मिल रहा है तो आपको 5 से 6ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।