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NEET PG 2023: बंद हो सकता है डिप्लोमा पाठ्यक्रम, कम हो सकती है नीट पीजी की सीटें

मुम्बई Published by: Paliwalwani Updated Fri, 05 May 2023 10:09 AM
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मुंबई :

कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन (सीपीएस) के डिप्लोमा की मान्यता वापस लेने के लिए एमएमसी ने सिफारिश की है. हर साल लगभग 1200 एमबीबीएस डॉक्टरों को ये डिप्लोमा प्रदान किए जाते हैं और इसके बाद उन्हें विशेषज्ञ माना जाता है. चिकित्सा नियामक, एनएमसी चाहता है कि सरकार सीपीएस डिप्लोमा के लिए पीजी समकक्षता को समाप्त करें, जो डॉक्टरों को विशेषज्ञ बनाती है.

यदि स्वास्थ्य मंत्रालय एनएमसी की सिफारिश को स्वीकार करता है, तो इसका मतलब आगामी शैक्षणिक सत्र में एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए पीजी सीटें कम हो सकती हैं. 2017 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारतीय चिकित्सा परिषद (MCI) के परामर्श से अधिसूचित किया गया कि CPS द्वारा संचालित सभी डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को 2009 से पूर्वव्यापी रूप से स्नातकोत्तर डिग्री के समकक्ष माना जाएगा.

द प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, NMC जिसने 2020 में MCI को भारत के चिकित्सा शिक्षा नियामक के रूप में रिप्लेस किया ने स्वास्थ्य मंत्रालय को यह कहते हुए पत्र लिखा है कि पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (PGMEB) ने इस मुद्दे पर विचार-विमर्श किया और पाया कि डिप्लोमा पाठ्यक्रम पीजी समकक्षता प्रदान करना एनएमसी के दायरे से बाहर था.

इन डिप्लोमा को वापस लेने की सिफारिश

पीजीएमईबी ने यह भी सिफारिश की, कि तीन डिप्लोमा पाठ्यक्रम (डीपीबी, डीसीएच और डीजीओ) जिनके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने समकक्षता प्रदान की है, उन्हें अगले शैक्षणिक सत्र से वापस ले लिया जाना चाहिए. इसके साथ एनएमसी अब एमबीबीएस डॉक्टरों के लिए केवल दो स्नातकोत्तर योग्यताओं को मान्यता देगा, जिसनें एमएस/एमडी और डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) शामिल है.

वहीं द प्रिंट ने अपनी रिपोर्ट में यह भी लिखा है कि इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण के पास से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई. वहीं इस संबंध में एनएमसी के अध्यक्ष डॉ. सुरेश चंद्र शर्मा और आयोग के प्रवक्ता डॉ. योगेंद्र मलिक की ओर से भी कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल पाई है.

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