मुंबई. शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने दशहरे के मौके पर मुंबई के शिवाजी पार्क मैदान में भाजपा और शिवसेना पर जमकर हमला बोला. उन्होंने एकनाथ शिंदे का नाम लिए बिना उन पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि जो लोग अपना जीवन देते हैं वे असली सोना हैं.
कई लोग अपनी पार्टी को तोड़ने की तलाश में हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि कुछ लोगों का अपहरण कर लिया गया है. इसलिए, पार्टी अभी भी टूट सकती है, लेकिन जो बच गए वे पीतल के थे. अब जो बचे हैं वे सोना हैं.
राज और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने पर उद्धव ठाकरे ने बयान देते हुए कहा कि 5 जुलाई 2025 को हमने क्या दिखाया था? हम एक साथ आए है तो एक रहने रहने के लिए. मराठी पर हिंदी की शक्ति नहीं होने देंगे.
उन्होंने कहा कि हमारा हिंदी से विरोध नहीं है लेकिन हम पर शक्ति मत दिखाओ. गुजरात के लोगों गुजरात मिला, बंगाल के लोगों बंगाल मिला, मराठी भाषा को महाराष्ट्र मिला. राज्य की राजधानी मिली, मुंबई अगर किसी के व्यापारी के जेब में जा रहा है तो जेब फाड़कर हम चीर देंगे.
उन्होंने कहा कि हम बाघ की खाल पहनने वाले भेड़िये की कहानी जानते हैं, लेकिन आज मैंने पहली बार बालासाहेब की भगवा शॉल पहने एक गधे की तस्वीर देखी. चाहे आप गधे पर कितने भी शॉल डाल दें, एक गधा अभी भी गधा है. एक दिन, लोगों को पैर में लात मार दी जाएगी. वह दिन दूर नहीं है.
ठाकरे ने अपने भाषण में भाजपा प्रशासन की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि कई लोग पूछ रहे थे कि आज की रैली कैसे होगी. मैं कह रहा था कि मैं इस साल भी रैली करूँगा, जैसे मैं हमेशा करता हूं. उन्होंने कहा कि इसके विपरीत, मैं कहूंगा कि इस बार एक बड़ी रैली होगी. जो कीचड़ इस तरह हो गया है, उसके लिए कमलाबाई ही जिम्मेदार हैं. आप कह सकते हैं कि बारिश और कमलाबाई का क्या संबंध है? लेकिन कलाबाई के प्रशासन ने अपना कमल खिला दिया है. उन्होंने दूसरों का जीवन कीचड़ में डुबो दिया है, उन्होंने आरोप लगाया और कहा कि भाजपा ने मुंबई में अच्छा काम नहीं किया है.
उन्होंने कहा कि जनता संकट में हैं. उन्हें मदद करिए, जिन-जिन किसानों को नुकसान हुआ है. उन्हें ₹50000 की मदद करिए. उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे और कुछ बोलना नहीं है, आज गांधी जयंती भी है, जो लड़ेगा वह जेल में जाएगा, इसी प्रकार का खेल चल रहा है.
इस अवसर पर सांसद संजय राउत ने कहा कि इतने बारिश में आप सब जो बैठे हैं. भीगते हुए ये 68 साल पहले शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे की जगाई हुई चिंगारी की अलख है, जो आज धधकती हुई मशाल बनकर पूरे राज्य में छा गई है.