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आडावळ संस्थान : ईमानदारी प्रवासी राजस्थानियों की सबसे बड़ी पूंजी

मुम्बई Published by: मनीष पालीवाल-केसुली Updated Wed, 10 Nov 2021 02:14 AM
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मुबंई (मनीष पालीवाल-केसुली...) राजस्थानी भाषा के सम्मान व मान्यता के लिए आडावळ संस्थान द्वारा शुरु किए गए देश व्यापी कार्यक्रम के तहत रविवार को राजस्थान से बाहर देश के विभिन्न महानगरों व विदेश मे रहने वाले प्रवासीयो का एक विशेष वर्चुअल कार्यक्रम जन्म भौम आयोजित किया गया. इस अवसर पर विभिन्न वक्ताओं ने कहा कि ईमानदारी प्रवासी राजस्थानियों की सबसे बड़ी पूंजी है. कार्यक्रम का संचालन करते हुए अडावल के निर्देशक शिव दान सिंह झोलावास ने राजस्थान की सांस्कृतिक विरासत व वर्तमान का समय पर प्रकाश डालते हुए प्रवासी समाज की भूमिका पर विचार रखे.  कार्यक्रम के तहत अध्यक्षीय उद्बोधन में राजस्थानी एसोसीएशन कीनिया के ट्रस्टी बजरंग सिंह राठौड़ ने कहा कि विदेश में रह रहे प्रवासी राजस्थानियों ने वहां के आम नागरिकों में अपना विश्वास कायम किया है और इसी आधार पर व्यवसाय तथा अन्य नौकरियों में जमे हुए हैं. विदेश जाकर व्यापार अथवा नौकरी करने वाले प्रवासी बंधुओं के लिए उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद ही विदेशी धरती पर जाने का विचार करना चाहिए. 

सूरत से किशन सिंह झाला ने कहा कि प्रदेश के बाहर भी राजस्थानी में पत्र-पत्रिकाओं के संस्करण छपते रहते हैं प्रवासी राजस्थानीयों का कर्तव्य है कि अपनी सांस्कृतिक पहचान को गुम नहीं होने देवे उन्होंने कहा कि सुरत का राजस्थान समाज संगठनात्मक रुप से मजबूत है व समय समय पर सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं, इस वजह से हमें सुरत में रह कर भी राजस्थान का आभास होता हैं.

राजस्थान संस्था संघ दिल्ली के महासचिव कृष्ण कुमार नरेड़ा ने कहा कि लोकसभा सदन में आने वाले सभी प्रतिनिधियों का धर्म है कि वह 8 करोड राजस्थानियों की आवाज बने और मातृभाषा को उसका सम्मान दिलाए. बेंगलुरु से सज्जन राज मेहता ने बताया कि मीडिया की उपयोगिता बहुत बढ़ गई है और इसमें प्रदेश की भाषा के संवर्धन हेतु मीडिया अपनी प्रमुख भूमिका निभा रही हैं. 

मुंबई से प्रतिनिधि रूप में मनीष पालीवाल (केसुली) ने कहा कि जब प्रदेश से बाहर सांस्कृतिक कार्यक्रम उत्सव मेले देखते हैं तो राजस्थान की अनायास ताकत महसूस होती हैं. 

चेन्नई से प्रतिनिधि दिलीप धींग ने कहा कि हमें सबको मिलकर राजस्थान की इस गौरवशाली परंपरा के साथ इसका साहित्यिक संवर्धन करना होगा. 

कार्यक्रम के निदेशक डॉ शिवदान सिंह जोलावास ने पालीवाल वाणी को बताया कि आगामी सृंखला में 10 नवम्बर 2021 को संभाग स्तरीय चित्रकला प्रतियोगिता आयोजीत की जाएगी. उक्त जानकारी कार्यक्रम के संयोजक राहुल सिंह भाटी ने इंदौर मेरी पहचान को दी.

 

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