मध्यप्रदेश में 18 अगस्त के बाद तेज बारिश नहीं हुई है। प्रदेश के कई जिलों में सूखे के हालात बन गए हैं। वहीं, बारिश नहीं होने से गर्मी और उमस बढ़ गई है। मध्यप्रदेश में बारिश नहीं होने के कारण सरकार की टेंशन बढ़ गई है। मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कम बारिश के बाद बने हालत को लेकर अधिकारियों के साथ चर्चा की। सीएम ने कहा- पूरी सरकार संकट के समय में किसान भाइयों के साथ खड़ी है। बिजली की डिमांड अपेक्षाकृत बढ़ गई है। जहां डैम में पानी की उपलब्धता है वहां से किसानों को पानी उपलब्ध कराएंगे। सीएम ने अधिकारियों से कहा कि पेयजल एवं निस्तार की व्यवस्था के लिए एक बार आंकलन कर लें। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जल उपयोगिता समिति की बैठक जल्दी करें।
मैं ऐसा मुख्यमंत्री नहीं हूं कि हाथ में हाथ धर के बैठ जाऊं। मेरी जितनी हैसियत है और सरकार की जितनी ताकत है उसमें जमीन आसमान एक कर दूंगा। मैं ऐसी स्थिति में चैन से नहीं बैठ सकता। नींद नहीं आती है। मैं बैठने वालों में से नहीं हूं। सीएम ने कहा कि साइंटिफिक एडवाइज का मतलब फसल बचाने हेतु जो वैज्ञानिक तरीके होंगे उनसे अवगत कराएंगे। सीएम ने कहा कि किसानों को जागरूक करेंगे।
एमपी में बारिश नहीं होने को लेकर किसान भी परेशान हैं। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल प्रदेश में अच्छी बारिश की संभावना नहीं है। 5 सितंबर के बाद मध्यप्रदेश में बारिश की संभावना एक बार फिर से बन सकती है।