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सास-ससुर ने करवाया विधवा बहू का पुनर्विवाह : समाज को दिया संदेश

मध्य प्रदेश Published by: Paliwalwani Updated Tue, 29 Nov 2022 02:08 AM
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खंडवा (निशात सिद्दिकी) : खंडवा में हुए एक पुनर्विवाह ने तमाम सामाजिक बंधनों को तोड़ते हुए समाज को संदेश देने का काम किया है। यहां एक विधवा बहू के लिए सास ससुर ने पति और विदुर पति के लिए भी उसके सास-ससुर ने बहू की तलाश की। दोनों पक्षों के सास-ससुरों ने नए पति और बहू की तलाश करके उसकी सूनी जिंदगी को संवारने का काम किया है। ससुर ने अपनी बहू को बेटी की तरह विदा किया। इस पुनर्विवाह की सबसे खास बात यह थी कि विधवा बहू और विदुर दामाद के लिए रिश्ता तलाशने से लेकर शादी कराने का जिम्मा दोनों पक्षों की ओर से माता-पिता के बजाए सास-ससुर ने निभाया।

बहू के सास-ससुर ने बेटी मानकर और दामाद के सास-ससुर ने बेटा मानकर दोनों की आपस में शादी करवाई। इस जोड़े ने शादी के कुछ साल बाद ही अपने-अपने जीवनसाथी को खो दिया था। खरगोन निवासी रामचंद्र राठौर और गायत्री राठौर के बेटे अभिषेक का पांच साल पहले हार्टअटैक से निधन हो गया था। इससे बहू मोनिका और सात साल की पोती दिव्यांशी उदास रहने लगी।

इनकी परेशानी देख सास-ससुर ने तमाम सामाजिक बंधनों को तोड़ बहू का पुनर्विवाह कराने का मन बनाया आखिरकार पांच साल की मेहनत काम आई और उन्होंने अपनी बहू के लिए वर तलाश लिया। आज अपनी बहू को बेटी मानने वाले परिवार उसका घर बसने से खुश है वहीं परिवार के सदस्य उसके दूर जाने से दुखी भी है।

दिनेश बताते हैं कि पिछले साल कोरोना से पत्नी के निधन के बाद गहरा सदमा लगा था। इसके बाद ससुराल वालों ने पुनर्विवाह को लेकर मुझसे चर्चा की। निश्चित रूप से पुनर्विवाह के पहले तमाम तरह की बातें ध्यान में आईं, लेकिन हमने समाज को संदेश देने का फैसला किया। बच्चों के भविष्य की भी चिंता थी। मेरे सास-ससुर ने कहा जीवन लंबा है, दूसरा विवाह कर लो उन्हीं ने हमारे लिए जीवनसाथी की तलाश की। दिनेश न केवल अपने सास-ससुर बल्कि अपनी नवविवाहित पत्नी के सास ससुर का धन्यवाद करते हैं और बताते हैं कि इनके जैसा संदेश समाज को आपस में जुड़ेगा और बहू बेटी के अंतर को खत्म करेगा।

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