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अपराध : मां-बेटी की हत्या : जायदाद में हुई अंधी देवरानी ने हार बेचकर प्रेमी को दी थी सुपारी

मध्य प्रदेश Published by: Paliwalwani Updated Fri, 08 Oct 2021 09:47 PM
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जबलपुर. मन बड़ा विलचित हो जाता है, जब अपने ही लोग खुन की होली खेलने के लिए प्रेमी से मिलकर हत्या करवा दे. एक ऐसा ही मामला उजागर हुआ. मां बबली झारिया और उसकी बेटी निशा झारिया देवरानी के इश्क और रश्क की भेंट चढ़ गए. देवरानी मालती ने खुद के गले का हार बेचकर प्रेमी संजू को 45 हजार रुपए मां-बेटी की हत्या की सुपारी दी थी. निशा की चार महीने बाद ही शादी होने वाली थी. साल पहले जब निशा तीन माह की थी, तब सिर से पिता नरेश झारिया का साया उठ गया था. बबली झारिया ने आंगनबाड़ी सहायिका के तौर पर नौकरी करके बेटी को पाला था. चार महीने से बेटी के हाथ पीले करने का ख्वाब देख रही थी. बबली का मायका टेमरभीटा में है. पिता चंद्रभान झारिया के चार बेटे और यह इकलौती बेटी थी. उनके छोटे भाई के भी कोई बेटी नहीं थी. मायके वाले उसका पूरा ख्याल रखते थे. 

मंगेतर से हुई थी आखिरी बात : टेमरभीटा निवासी संदीप झारिया के साथ निशा की शादी तय हुई थी. निशा कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी. संदीप के मुताबिक उसकी रोज शाम को निशा से बात होती थी. 27 सितंबर 2021 को भी उसकी बात हो रही थी. 9 : 00 बजे के लगभग निशा ने ये कहते हुए फोन कट कर दिया कि दो लोग कमरे में घुस आए हैं. इसके बाद उसका फोन बंद हुआ, तो आज तक नहीं मिला. संदीप ने बताया कि वह 28 सितंबर की सुबह तक निशा के मोबाइल पर कॉल करता रहा, लेकिन वह लगातार बंद आ रहा था. वह अपने कुछ परिचितों को भेजा, तो घर में ताला लगा हुआ था. देवरानी मालती ने बताया कि कहीं रिश्तेदारी में गए हुए हैं. हालांकि मालती की बड़ी बेटी सेजल ने बताया कि रात में दो अंकल लेकर गए हैं, लेकिन मालती ने डांटकर चुप करा दिया था. संदीप ने थाने में भी पहुंच कर मौखिक सूचना दी थी. बबली झारिया और उसकी देवरानी मालती उर्फ सुहानी झारिया अलग-अलग रहते थे, लेकिन एक ही मकान में रह रहे थे. दो कमरे और इसी से सटा किचन बना हुआ है. एक पूजा घर है, जो दोनों के साझे में था. शौचालय व बाथरूम घर से सटे बना हुआ है. मालती का पति सुरेश झारिया अपने तीनों बच्चे और बुजुर्ग पिता के साथ बैठा मिला. बेटी एक साल की और दोनों बड़ी बेटियां क्रमशः 6 व 5 साल की हैं. सुरेश बोला कि मालती ने मेरा घर बर्बाद कर दिया. इन मासूम बच्चों के बारे में भी नहीं सोचा. मेरी समझ में नहीं आ रहा है कि मैं बच्चों और बुजुर्ग पिता को संभालूं कि मजदूरी करूंगा, जिससे घर का चूल्हा जलेगा.

बबली के ससुर पंचम ने अपनी दो एकड़ जमीन पहले ही दोनों बेटों नरेश व सुरेश झारिया के नाम कर दी थी. ये जमीन भी महगवां में हाईवे उस पार है, घर पांच हजार वर्गफीट से अधिक एरिया में बना है. अभी ये ससुर पंचम के नाम पर ही है. इसकी कीमत दो करोड़ से अधिक बताई जाती है. मालती की मंशा थी कि मां-बेटी रास्ते से हट गईं, तो पूरी जायदाद उसे ही मिल जाएगा. जेठानी-देवरानी में अक्सर विवाद होता रहता था. दोनों के कमरे अगल-बगल होने के बावजूद वे एक-दूसरे का चेहरा तक देखना पसंद नहीं करते थे. ससुर पंचम बड़ी बहू बबली के ही आश्रित था. मालती कभी-कभार ही कुछ खाने को देती थी. 27 सितंबर से पहले मालती और बबली में संजू के घर आने को लेकर कहासुनी हुई थी.. बबली ने धमकी दी थी कि वह देवर को उसकी करतूत बता देगी. इसके बाद मालती ने मां-बेटी की हत्या की साजिश रची. मालती इतनी शातिर निकली कि उसने हत्या से पहले कमरे के सामने सोने वाले ससुर को नींद की गोली खिला दी थी. बबली तो चीख भी नहीं पाई थी, लेकिन निशा की चीख कमरे में ही दब गई. पंचम वैसे भी ऊंचा सुनते हैं. नींद की गोली के असर से उन्हें भनक तक नहीं लगी. 28 सितंबर को उनकी नींद खुली तो कमरे में ताला लगा था. मालती से दोनों के बारे में पूछा भी तो उसने बता दिया कि कहीं निकले हैं, अब मालती और उसके प्रेमी की करतूत उजागर हुई तो ससुर, पति सहित पूरा कस्बा अवाक रह गया.

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