जबलपुर.
हेमलता जैन, उच्च माध्यमिक शिक्षक, जो कि दिव्यांग हैं, उन्हें अतिशेष घोषित कर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, ललिता शास्त्री, खुरई जिला सागर से शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, जरूआ खेड़ा, जिला सागर, ट्रांसफर कर दिया गया था. ट्रांसफर नीति के अनुसार, दिव्यांग जन को अतिशेष एवं युक्तियुक्त करण की प्रकिया से छूट है.
प्रावधानों में विपरीत, अतिशेष ट्रांसफर के विरुद्ध, संयुक्त संचालक सागर के समक्ष ऑनलाइन अभ्यावेदन, श्रीमती जैन द्वारा दिया गया था. ज्वाइंट डायरेक्टर की अध्यक्षता वाली समिति ने दिनांक 11/11/2024 को श्रीमती हेमलता जैन के पक्ष में अभ्यावेदन मंजूर कर लिया गया था, चूंकि, श्रीमती जैन द्वारा ट्रांसफर आदेश का पालन कर लिया गया था.
अतः उनको ललिता शास्त्री खुरई भेजने हेतु, आदेश आयुक्त ऑफिस से जारी होने थे. परंतु, ट्रांसफर निरस्त नहीं के कारण, 6 महीने बीतने के बाद, श्रीमति जैन द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर की शरण ली थी.
श्रीमति वीणा कबीर पंथी, माध्यमिक शिक्षक, उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, पथरिया हाट जिला, सागर में पदस्थ थी. सितम्बर माह में अतिशेष घोषित होने एवं ट्रांसफर के पश्चात, संयुक्त संचालक सागर के समक्ष, लोक शिक्षण भोपाल के निर्देश दिनांक 04/10/24 के अनुक्रम में अभ्यावेदन देकर, श्रीमती कबीर पंथी द्वारा, उनका नाम अतिशेष सूची से हटाने की प्रार्थना की गई थी. समिति ने पाया था कि अतिशेष काउंसलिंग के संवहन के समय, सीनियरिटी का अतिक्रमण हुआ है. समिति ने पाया कि, वरिष्ठता के अनुसार काउंसलिंग में नहीं शामिल किए जाने के कारण, सिंधी कैंप स्कूल सागर में महिला शिक्षक कबीर पंथी को स्थान नहीं मिला था.
श्रीमति पंथी से जूनियर संजय त्रिपाठी को सिंधी कैंप स्कूल अलॉट किया गया था. संयुक्त संचालक की अध्यक्षता वाली समिति ने माध्यमिक शिक्षक का अभ्यावेदन मंजूर करते गए, पदस्थापना परिवर्तन की आदेश नवंबर माह में जारी किए थे. एक अन्य प्रकरण में, संजय बरार, दिव्यांग माध्यमिक शिक्षक, टीकमगढ़ में पदस्थ का आवेदन भी संयुक्त संचालक सागर द्वारा मंजूर किया गया था. तदनुसार, संजय बरार को पूर्व की स्कूल में संशोधित आदेश के द्वारा भेजा जाना था.
उल्लेखनीय है कि आयुक्त लोक शिक्षण, भोपाल द्वारा, ही पदस्थापना परिवर्तन के आदेश जारी किए जा सकते हैं. अतः सागर डीईओ द्वारा, आयुक्त को ऑफिशियल पत्र भेजकर, श्रीमति हेमलता जैन, वीणा कबीर पंथी एवं संजय कुमार बरार के पोस्टिंग परिवर्तन का प्रस्ताव भेजा गया था. परंतु आयुक्त द्वारा कोई रुचि नहीं दिखाई गई थी.
अतः शिक्षकों द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर की शरण ली गई थी. उनकी ओर से उच्च न्यायालय जबलपुर में वकील अमित चतुर्वेदी ने कोर्ट को बताया कि स्कूल शिक्षा द्वारा, शैक्षणिक सेशन एवं बोर्ड एक्जामिनेशन का बहाना भी स्कूल शिक्षा का अब स्वीकार करने योग्य नहीं है, क्योंकि पूर्व में बोर्ड परीक्षा के बाद संयुक्त संचालक सागर के आदेश का पालन किया जाना था. अतिशेष की अंतहीन मुक़दमे बाजी को कोर्ट अनुमति नहीं दे. आयुक्त लोक शिक्षण भोपाल के विरुद्ध स्पष्ट आदेश की ज़रूरत है.
सुनवाई के बाद, उच्च न्यायालय जबलपुर ने आयुक्त, लोक शिक्षण को अतिरिक्त समय देने से मना किया और आदेश जारी करते हुए कहा कि संयुक्त संचालक सागर की अध्यक्षता वाली समिति के आदेश के अनुपालन में, 10 दिन के अंदर संशोधित ट्रांसफर आदेश जारी किए जाएं. ट्रांसफर प्रकरण में उच्च न्यायालय, जबलपुर के अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी ने पैरवी की.
अधिवक्ता श्री अमित चतुर्वेदी : मोबाइल 9827727611, 8085937660