क्या आप भी अपने दफ्तर के 'नाखुश' कर्मचारियों में से एक हैं तो समझ लीजिए आप अकेले या फिर गिने चुने कर्मचारियों में से नहीं हैं, बल्कि आप बहुमत में हैं। दरअसल एक ताजा सर्वे में सामने आया है देशभर के करीब 76 प्रतिशत कर्मचारी कार्यस्थलों पर अपनी खुशहाली के स्तर से संतुष्ट नहीं हैं। एक सर्वेक्षण रिपोर्ट से यह नतीजा निकला है। ये ऐसे लोग हैं जो दफ्तर में काम तो करना चाहते हैं, लेकिन दफ्तर का माहौल उन्हें अपना अधिक से अधिक इनपुट देने से हतोत्साहित करता है।
रोजगार वेबसाइट इनडीड और बाजार शोध फर्म फॉरेस्टर कंसल्टिंग ने मिलकर देश भर में 2,132 कर्मचारियों के बीच यह सर्वेक्षण किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय नियोक्ताओं के साथ काम करने वाले सिर्फ 24 प्रतिशत कर्मचारी ही अपने कार्यस्थल पर बेहतरी एवं खुशहाली के उच्चस्तर को महसूस कर पाते हैं। बाकी 76 प्रतिशत कर्मचारियों को लगता है कि उनके संगठनों में उनकी बेहतरी का निम्न स्तर है।
सर्वेक्षण में शामिल 67 प्रतिशत से अधिक प्रतिभागियों ने कहा कि काम के समय उनकी बेहतरी के लिए उनके नियोक्ता ही जिम्मेदार होते हैं। वहीं 69 प्रतिशत कर्मचारियों ने कहा कि उनके वरिष्ठ अधिकारी निर्धारित जिम्मेदारियों से अधिक काम करने की उनसे उम्मीद करते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, समावेशन, स्वीकार्यता, सम्मानजनक संवाद और सहयोगी रुख वाले प्रबंधकों की मौजूदगी जैसे कारक किसी भी कार्यस्थल पर कर्मचारियों की खुशहाली में अहम भूमिका निभाते हैं।
कंपनियां बदलेंगी पॉलिसी
इनडीड इंडिया के बिक्री प्रमुख शशि कुमार ने कहा, ‘‘हमारे नतीजे दर्शाते हैं कि आने वाले समय में कार्यस्थल पर कर्मचारियों की खुशहाली पर जोर देने में बढ़ोतरी ही होगी। काम के दौरान खुशहाली को लेकर कर्मचारियों के नजरिये में भी साफ बदलाव नजर आता है।’’