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शेयर बाजार के निवेशकों के लिए जरूरी खबर : शेयर बाजार में आपका पैसा नहीं डूबेगा ! सेबी ने बदले आईपीओ म्यूचुअल फंड के नियम

निवेश Published by: Paliwalwani Updated Wed, 29 Dec 2021 10:58 PM
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नई दिल्ली : शेयर बाजार के निवेशकों के लिए जरूरी खबर है. खुदरा निवेशकों की सुरक्षा के लिए बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने मंगलवार को कई नियमों में बदलाव किए हैं. इससे  आईपीओ और म्यूचुअल फंड में पैसे लगाने वाले इन्वेस्टर्स पर रिस्क कम होगा. सेबी ने आईपीओ के एंकर निवेशकों की निकासी सीमा और समय तय करने के साथ जुटाए फंड के सही इस्तेमालके लिए भी नियम बनाया है. आइए जानते हैं इन नियमों के बार में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय (SEBI) के चेयरमैन अजय त्यागी की अध्यक्षता में बैठक हुई.

आईपीओ के लिए सबसे जरूरी माने जाने वाले एंकर निवेशकों की लॉक इन अवधि 30 दिन से बढ़ाकर 90 दिन कर दिया गया है, जबकि उनकी निकासी सीमा भी 50 फीसदी तक तय कर दी है. आईपीओ से फंड जुटाने वाली कंपनियां अब सिर्फ 25 फीसदी इस्तेमाल इन-ऑर्गेनिक कार्यों में कर सकेंगी, जबकि 75 फीसदी राशि उन्हें कारोबार विस्तार में लगानी पड़ेगी. आईपीओ में 20 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले प्रवर्तकों की लॉक इन अवधि तीन साल से घटाकर 18 महीने कर दी है, जबकि 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी पर लॉक इन अवधि एक साल से घटाकर छह महीने हो गई है. इसी तरह, म्यूचुअल फंड योजनाओं को बंद करने से पहले फंड हाउस को यूनिट धारकों की अनुमति लेनी होगी. ये नियम एक अप्रैल, 2022 के बाद आने वाले आईपीओ पर लागू होंगे.

विदेशी निवेशकों के नियमों में हुआ बदलाव :  सेबी ने विदेशी निवेशकों से जुड़े नियमों को भी बदल दिया है. अब एफपीओ का पंजीकरण करते समय सामान्य जानकारियों के साथ विशेष पंजीकरण संख्या दी जाएगी. इससे निवेशक की ओर से डुप्लीकेट शेयर की मांग करने पर डीमैट के रूप में प्रतिभूतियों को जारी किया जा सकेगा. इस कदम से निवेशकों के लिए लेनदेन आसान हो जाएगा और उनकी सुरक्षा भी बढ़ेगी.

  • किसी आईपीओ में 20 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले शेयर होल्डर या एंकर निवेशक अब सूचीबद्ध वाले दिन अपना पूरा हिस्सा नहीं बेच सकेंगे। ऐसे शेयर होल्डर सूचीबद्ध के दिन कुल हिस्सेदारी का 50 फीसदी ही बेच पाएंगे.
  • आईपीओ से मिले पैसों के इस्तेमाल से जुड़े खुलासा नियमों का भी निवेशकों को लाभ मिलेगा. कंपनियां अब सिर्फ 25 फीसदी राशि का इस्तेमाल इन-ऑर्गेनिक फंडिंग में कर सकेंगी, जबकि 75 फीसदी राशि उन्हें कारोबार विस्तार में लगानी होगी.
  • सेबी के अनुसार अब कंपनियों को सेटलमेंट के लिए आवेदन कारण बताओ या अनुपूरक नोटिस मिलने के 60 दिनों के भीतर देना अनिवार्य होगा.
  • सेबी ने जनवरी 2019 में सेटलमेंट नियम लागू किया था. इसके मुताबिक, कोई गलती होने पर कंपनियां फीस भरकर सेबी के साथ उस मामले का निपटारा कर सकती हैं. इसमें कोई संशोधित सेटलमेंट है, तो उसे 15 दिनों के भीतर पूरा करना होगा. इसके तहत सभी भुगतान सिर्फ पेमेंट गेटवे से लिए जाएंगे.
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