एप डाउनलोड करें

मनुष्य जीवन को धन्य बनाने के मंत्रों का खजाना भरा है रामकथा में : गीता बहन

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil paliwal Updated Fri, 29 Apr 2022 02:37 AM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

गीता भवन में पहली बार वनवासी विदुषी ने व्यासपीठ पर विराजित होकर सुनाई रामकथा

इंदौर : रामकथा भारत भूमि की गौरव गाथा तो है ही, एक आदर्श परिवार के रिश्तों को मजबूत बनाने की भी प्रेरणा देती है। प्रभु राम को मर्यादा पुरुषोत्तम कहा गया है, क्योंकि उनके जीवन चरित्र में कहीं कोई दोष नहीं है। यह निर्दोषता ही उन्हें भगवान बनाती है। रामकथा में दुलर्भ मनुष्य जीवन को धन्य बनाने के अनेक मंत्रों का खजाना भरा हुआ है। राम कथा सभी तरह के पापों का नाश करती है। इस कथा में माता-पिता के लिए आदर, गुरुजनों के लिए श्रद्धा, बंधु-बांधवों के लिए स्नेह, वनवासियों के लिए परम प्रेम और सेवक पर अटूट विश्वास के अनेक प्रसंग हैं, जो  बदलते समाज के लिए प्रेरणा का विषय है। रामकथा कोई कहानी नहीं, मनुष्य़ के लिए बनाई गई आचार संहिता है।

ये दिव्य विचार हैं विदुषी गीता बहन के, जो उन्होंने श्री हरि सत्संग समिति द्वारा आयोजित तीन दिवसीय रामकथा के शुभारंभ सत्र में व्यक्त किए। कथा शुभारंभ के पूर्व गीता भवन परिसर में रामचरित मानस एवं विदुषी गीता बहन की शोभायात्रा निकाली गई। गीता भवन में यह पहला मौका था जब एक वनवासी बहन को हर्ष ध्वनि एवं जयघोष के बीच व्यासपीठ पर विराजित किया गया । गीता बहन मूलतः उड़िया भाषी हैं और उन्हें हिन्दी नहीं आती थी, लेकिन एकल अभियान के तहत प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद  पिछले 15 वर्षों से वे बहुत सरल शब्दों में हिन्दी में कथा सुनाती हैं। प्रारंभ में दीप प्रज्ज्वलन के बाद व्यासपीठ का पूजन वन बंधु परिषद के अध्यक्ष राम अवतार जाजू, श्रीमती पुष्पा जाजू, सुषमा चौधरी (प्रतिभा सिंथेटिक्स), विनिता जाजू, गीता मूंदड़ा, सी.के. अग्रवाल, श्रीमती कमल राठी, अंजना खंडेलवाल, सोनाली गुप्ता, रेणु भार्गव आदि ने किया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अंशु अग्रवाल ने किया। संस्था का परिचय रामविलास राठी ने दिया। गीता बहन की अगवानी हर्षिता अग्रवाल, सपना मालू, रीता राठी, शीला मंगल, अंजू  गुप्ता, सुनंदा लड्ढा आदि ने की। कथा में प्रतिदिन दोप. 4.30 से सायं 7 बजे तक गीत-संगीत एवं भजनों के साथ मानस के विभिन्न प्रसंगों की व्याख्या एवं उत्सव भी होंगे।

विदुषी गीता बहन ने रामकथा की महिमा बताते हुए कहा कि जीवन में जब भी अवसाद, तनाव, अपयश या भय की स्थिति बने तो श्रीराम चरित मानस की शरण में चले आइए। परिवार में नियमित रूप से सामूहिक सुंदरकांड और हनुमान चालीसा के पाठ होना चाहिए। राम और हनुमान की भक्ति से परिवार और कारोबार में सुख, शांति, आरोग्य और समृद्धि आती है। राम नाम का स्मरण ही सबसे बड़ी भक्ति है। भक्ति के लिए हमें किसी हिमालय, गुफा या जंगल में जाने या घर-परिवार छोड़कर जाने की जरुरत नहीं है। भगवान को हमारे धन-दौलत या ऐश्वर्य नहीं, मन के सच्चे भावों की जरुरत हैं। जो स्वयं को नहीं जानता वह जीव है और जो सारे जग को जानता है वह शिव है। हमारी निष्काम भक्ति ही भगवान को झुका सकती है। प्रभु राम ने वनवासियों को गले लगाकर उनका उद्धार करने का संदेश दिया है। हमारी भक्ति शबरी जैसी होना चाहिए, तभी भगवान हमारे जूठे बैर भी स्वीकार करेंगे।

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next