एप डाउनलोड करें

Jain wani : 50 फुट की पैंटिंग विद्याधर की जीवन गाथा देख प्रमाण सागरजी महाराज हुए भावविभोर

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil Bagora Updated Sun, 22 Dec 2024 02:03 AM
विज्ञापन
Follow Us
विज्ञापन

वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें

राजेश जैन दद्दू

इंदौर. वरिष्ठ चित्रकार श्रीमति पुष्पा पांड़्या द्वारा आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के जीवन पर आधारित 50 फुट की पैंटिंग “विद्याधर की जीवन गाथा” इंदौर में प्रथम बार परम श्रद्देय प्रमाणसागरजी महाराज के समक्ष प्रदर्शित की गई, तो पैंटिंग को खोलते ही पूरा श्र्धालुओं से ख़चाख़च भरा पंडाल तालियों से गूँज उठा.

पहले तो महाराजजी ने उन्हें दो मिनिट का समय ही दिया था. परंतु जेसे ही उन्होंने आचार्य श्री की जीवन गाथा को बतलाना प्रारम्भ किया तो पूरा मुनिसंध प्रमाणसागरजी महाराज, निर्वेग सागरजी महाराज, संधानसागरजी महाराज व सभी छुल्लकजी महाराज भावविभोर हो सुनने लगे ओर पूरा जनमानस भाव विव्हल हो गया. 

पुष्पा पांड़्या द्वारा केनवास पर तेलरंगो से क़रीब दो साल में बना यह शोध कार्य है. जिसे उन्होंने आचार्य श्री के गृहस्थ जीवन के बड़े भाईसाहब महावीरजी व भतीजे अक्षयजी से पूछकर स्कूल व धर आदि के चित्र मँगवाकर, पहली बार शांति सागरजी महाराज से कितने लोग मिलने गये थे, कितनी ट्रेन से वे अजमेर पहुँचे आदि के साथ उनका सायकिल चलाना, गुल्ली डंडा खेलना, नेमसागरजी महाराज की समाधि करवाना, मूजिबंधन, पूरे परिवार का भोजन, शतरंज मे जीतने पर मित्रों द्वारा कंधे पर बिठाना, खेल में लगे पीलू को आने पर माँ का हाथ से भोजन करवाना, मित्र मारुति से पेसे लेकर बस से जयपुर जाना, देश भूषणमहाराजजी से ब्रह्मचर्य व्रत अंगीकार करना, उनके संध के साथ श्रवण बेलगोला विहार, करना इस प्रकार पहली चित्र पट्टिका में कर्नाटक प्रदेश है.

दूसरी पट्टिका में राजस्थान प्रवेश के साथ राजस्थानी संस्कृति व लाल पीले ब्राइट रंगो का रंग संयोजन भी देखने को मिलता है. दो दिन से रेल यात्रा के उपवासी का सेठी जी के यहाँ पारण कर ज्ञानसागरजी महाराज केदर्शन, विद्याधर नाम बताने पर महाराज जी ने कहां तुम तो विद्याधर हो ज्ञान प्राप्त कर उड़ जाओगे ओर उनका आजीवन वाहन त्याग करना कई पंडितों के द्वारा हिंदी प्राकृत व संस्कृत जो ज्ञान, समाज के विरोध में सेठ भागचंदजीं सोनी, गोद भराई, बिंदोरि, केश लोचन दीक्षा सोनी जी की हवेली जहाँ पहली बार आहार हुआ, बाजे से विहार, आचार्य पदारोहण ओर ज्ञानसागरजी महाराज की समाधि इन सभी प्रसग़ मे राजस्थान का पहनावा धाधरा लुगडा धुँधट, ग़हने पगड़ी आदि देखकर मन प्रफुल्लित हो जाता है.

विद्यासागरजी महाराजव को लोगोंने देखा है व बहुत सी बातें पता है ओर कुछ नई बातें फ़िल्म की तरह सामने देखकर लोग़ गदगद हो रहे थे. इस बीच कई बार तालीया बजी...एक जगह  यह बताने पर कि माँ दरवाज़े पर खड़ी है, जीवन भर प्रतीक्षा करती रही पर वे गए तो दुबारा कभी सदलगा की ओर झांका भी नही, यह सुनकर कई महिलाएँ रो पड़ी. कई लोगों ने पांडाल में तो कई ने धर पर देखा. उन्होंने आकर बताया कि ये देखकर हमें बहुत देर तक रोना आता रहा.

दूसरे दिन विशेष कर लोग इस पैंटिंग को देखने इंदोर ही नही बल्कि ऊज्जेन देवास, धार महूँ से भी आए. वेसे आचार्य श्री की वनयांजलि के दिन 25 फ़रवरी 2025 को दोपहर 1.00 बजे  कर्नाटक के राज्यपाल श्रीमान थावरचंदजी गहलोत के द्वारा इस पैंटिंग के समक्ष दीप प्रज्वलन कर लोकार्पण किया गया था. उन्होंने भी आचार्या श्री की पूरी जीवन गाथा को बड़ी ही श्रद्धा के साथ ध्यान पूर्वक सुना ओर इतनी बड़ी पैंटिंग बनाने की बहुत सराहना की.

पुष्पा पांड़्या ने बताया कि ये मेरा अभूतपूर्व अनुभव था. मेरी कला ही मेरी भक्ति है ओर जैन धर्म व आचार्य श्री के प्रति मेरी श्रद्धा ओर समर्पण का ये परिणाम है. जिससे में बहुत प्रसन्न हूँ.

और पढ़ें...
विज्ञापन
Next