इंदौर.
इंदौर नगर निगम में आयुक्त रही श्रीमती हर्षिता सिंह और स्मार्ट सिटी इंदौर के CEO श्री दिव्यंक सिंह, और श्री देवेश कोठारी सहित अन्य पर लोकायुक्त ने पंजीबद्ध किया प्रकरण, कांग्रेस के पूर्व पार्षद श्री दिलीप कौशल ने की थी शिकायत.
इंदौर दिनांक 27-05-25 मंगलवार, मध्यप्रदेश की IAS अफसर श्रीमती हर्षिता सिंह तथा स्मार्ट सिटी इंदौर के CEO श्री दिव्यंक सिंह पर आरोप है कि उन्होंने स्मार्ट सिटी के कार्यो के लिए संविदा पर पदस्थ किये सिविल इंजिनियर को नगर निगम इंदौर में नियमित भवन अधिकारी के पद की योग्यता नहीं होने के बाद भी पदस्थ किया तथा विभिन्न प्रकार के अधिकार देकर उपकृत किया.
वही आरोपी यंत्री श्री देवेश कोठारी ने संविदा सेवक होने के तथ्यों को छिपाकर भवन अधिकारी कि हैसियत से लगभग लगभग 250 मानचित्र अवैध धन अर्जित कर अपने डिजिटल हस्ताक्षर से स्वीकृत किये और पदस्थापना के दौरान झोन क्रमांक 13 पर भवन अधिकारी की हैसियत से नगर पालिक निगम 1956 और भूमी विकास नियम 2012 के प्रावधानों के विपरीत जाकर मौका निरिक्षण तथा वास्तविक तथ्यों को छिपाकर निर्माणाधीन सैकड़ो भवनों / पूर्व से निर्मित सैकड़ो भवनों को अवैध निर्माण होने के सूचना-पत्र देकर निर्मंकर्ताओ से अवैध धन अर्जित करने के कारण किसी भी भवन से अवैध निर्माण हटाने कि कारवाई नही की, आयुक्त तथा CEO स्मार्ट सिटी को संविदा सेवक होने की जानकारी के बाद भी श्री देवेश कोठारी को भवन अधिकारी के पद पर पदस्थ रखकर उसके विरुद्ध जांच आदि कारवाई तक प्रस्तावित नही की
उक्त सभी तथ्यों कि शिकायत पूर्व पार्षद श्री दिलीप कौशल द्वारा श्रीमती हर्षिता सिंह को की गई थी परन्तु दोनों IAS अफसरों द्वारा किसी भी प्रकार की कारवाई नहीं किये जाने पर श्री कौशल ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 467, 336, 340, 61(2) एवं PC एक्ट की धारा 13(1)(D) तथा 13(2) अनुसार अपराधिक प्रकरण दर्ज करने हेतू सभी प्रमाणों सहित शपथ-पत्र पर शिकायत लोकायुक्त मध्यप्रदेश को BNNS 2023 की धारा 173 में FIR दर्ज करने का आवेदन प्रस्तुत किया था, जिसकी प्रारंभिक जांच पश्चात लोकायुक्त मध्यप्रदेश ने शिकायत पर प्रकरण क्रमांक 31/ई/ 2025 पंजीबद्ध किया है संपर्क दिलीप कौशल 9826077997