इंदौर :
इस जनहित याचिका में आरोप लगाया गया है कि महाकाल लोक के निर्माण हेतु निविदा में जिस गुणवत्ता का दावा किया गया था, कंपनी ने मूर्तियों में वैसी गुणवत्ता नहीं दी। गुणवत्ता की कोई जांच भी नहीं की गई। लोकार्पण के सिर्फ 8 महीने में ही महाकाल लोक की गड़बडिय़ां सामने आने लगी हैं। करोड़ों रुपये की लागत से तैयार महाकाल लोक में भ्रष्टाचार हुआ है। मूर्तियों में 30 एमएम की एफआरटी शीट होना थी। इसके अलावा मूर्तियों में स्टील का स्ट्रक्चर होना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। महाकाल लोक में अब भी मूर्तियों में दरार आ रही है। मूर्तियां अपनी जगह छोड़ रही हैं। छतों पर केमिकल से चिपकाए गए पत्थर गिर रहे हैं। कृष्णकुमार मिश्रा की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त जज की निगरानी मेंं भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है।