इंदौर. क्राइम ब्रांच इंदौर के द्वारा इंदौर शहर में लोगों से छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुये आर्थिक ठगी करने वाले अपराधियों पर प्रभावी कार्यवाही लगातार की जा रही है। इसी अनुक्रम में कार्यालय अपराध शाखा टीम मेदांता हॉस्पिटल के पास स्थित कृष्णा बिजनेस सेंटर फ्लैट न. 408 में संचालित Honest Technology एडवायजरी कंपनी से SEBI का रजिस्ट्रेशन के बारे में जानकारी लेते, उक्त कंपनी के पास कोई वैध रजिस्ट्रेशन नहीं होना बताया, जिसपर क्राईम ब्रांच के द्वारा उक्त स्थान पर उपस्थित मालिक अमित खंडूजा, पार्टनर राहुल चौधरी, महिपाल सिंह, मैनेजर सूरज मालवीय से ट्रेडिंग में उपयोग में लाए गए उपकरण मोबाइल, सीपीयू , फर्जी सिमकार्ड 106 BNSS के तहत् जब्त कर कार्यवाही की गई।
उक्त जांच के दौरान ही जिला धार तहसील बदनावर के आवेदक ऋषभ ने अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई कि Honest Technology शेयर एडवाइजरी कंपनी के द्वारा आवेदक को कॉल पर बताया कि वह SEBI रजिस्टर्ड एडवाइजरी कंपनी है और आप हमारे माध्यम से शेयर मार्केट में निवेश करो तो हम आपको बड़ा मुनाफा कमाकर देंगे, जिस पर भरोसा करके आवेदक ने QR कोड एवं UPI के माध्यम से ऑनलाइन पेमेंट इन्वेस्टमेंट के रूप में दिया, जिसमें होनेस्ट शेयर एडवाइजरी कंपनी वाले बताते थे कि कितना मुनाफा हुआ है और इसी झांसे में और रूपए इन्वेस्ट करवाते थे, जब अच्छा मुनाफा होकर राशि वापस मांगी गई तो राशि वापस देने में आनाकानी करने लगे और मोबाइल संपर्क नंबर बंद कर करके मेरे साथ धोखाधड़ी की गई।
जिसपर क्राईम ब्रांच के द्वारा अपराध धारा 318(4), 316(5),3(5) BNSS के तहत् कार्यवाही कर तकनीकी जानकारी निकालकरआरोपी मालिक (1).अमित खंडूजा निवासी परदेशीपुरा इंदौर, पार्टनर (2).राहुल चौधरी निवासी देवास व (3).महिपाल सिंह निवासी देवास एवं मैनेजर (4).सूरज मालवीय निवासी MR 11 इंदौर को गिरफ्तार किया गया।
आरोपियों के द्वारा प्रारंभिक पूछताछ एवं आरोपियों के कब्जे से जब्त 18 मोबाइल , 06 लैपटॉप, 02 सीपीयू, फर्जी सिमकार्ड के माध्यम से प्राप्त जानकारी से ज्ञात हुआ कि आरोपी अमित MBA किया हुआ जो पहले प्राइवेट जॉब करता , आरोपी राहुल BE इंजीनियर है, आरोपी महिपाल 12th पास है एवं आरोपी सूरज b.com पास है, जो पहले एडवाइजरी कंपनी में जॉब करता था.
उक्त सभी आरोपियों के द्वारा योजना बनाकर फर्जी Honest Technology एडवाइजरी कंपनी शुरू की ओर आरोपियों के द्वारा 1 वर्ष में लगभग 800 लोगों से ठगी करने हेतु संपर्क किया गया था, जिसमें आरोपियों के द्वारा ग्राहकों से इनवेस्टमेंट के रूप में प्राप्त रुपयों को अपने बैंक खातों में प्राप्त न करते हुए 10 कमीशन देकर अन्य लोगों के फर्जी बैंक खाते लिए गए, साथ ही zoiper सॉफ्टवेयर के माध्यम से वर्चुअल कॉन्टैक्ट नंबर एवं फर्जी सिमकार्ड का उपयोग कर ग्राहकों को कॉल करते थे.
जिससे लोगों के पास आरोपियों के निजी कॉन्टैक्ट नंबर न पोहचे एवं कई लोगों को Algo ट्रेडिंग या डिमेट संचालन आदि के नाम से ठगना भी कबूला है आरोपियों के द्वारा ज्यादातर दूसरे जिले या राज्य के लोगों को टारगेट किया जाता था ताकि वह संपर्क न कर सकें, इस प्रकार आरोपियों के द्वारा बताए सभी तथ्यों की जांच क्राईम ब्रांच के द्वारा की जा रही है।
उक्त चारों आरोपियों को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड प्राप्त कर विस्तृत पूछताछ करते हुए अग्रिम वैधानिक कार्यवाही की जा रही है जिसमें कई खुलासे होने की संभावना है।