इंदौर : वेश पंथ परंपरा बाहरी क्रिया कांड से संत को मानने वाला सबसे बड़ा अज्ञानी है. विचार राष्ट्र संत कमल मनी कमलेश ने महासती शीतल कंवर जी की गुणानुवाद सभा को संबोधित करते कहा कि अभिशाप के बदले आशीर्वाद देता है, वही संत महान होता है.
उन्होंने कहा की संत को किसी सीमाओं में कैद नहीं किया जा सकता. सूर्य के समान है, अध्यात्म का उज्जवल चमकता हुआ सूर्य है. मुनि कमलेश ने बताया कि संत ज्ञान का भंडार होता है. उनके विचार सदियों तक दुनिया को मार्गदर्शन करते रहेंगे. हमारे दिलों में हमेशा जिंदा रहेंगे वह मरकर दुनिया में अमर हो जाता है.
राष्ट्र संत ने बताया कि जिनकी निगाहों में माटी और सोना समान होता है, निस्वार्थ और निष्काम भावों से साधना और परमार्थ करते हैं विश्व का महान संत होता है.
महा सती दक्षिण ज्योति आदर्श ज्योति जी ने कहा कि गुरु के कर्ज से कभी मुक्त नहीं हो सकते हैं. गुरु का अनंत उपकार हमारे ऊपर है. यह अद्भुत सहयोग है. वह मेरी संसारी माता भी थी 60 वर्ष की उम्र में संयम लिया और मैं उनकी गुरु बनी. 97 वर्ष की उम्र में कल देवलोक गमन हुआ.
अधिग्रह धारी श्री राजेश मुनि जी ने कहा कि अंतिम समय में संथारा लेकर मृत्यु को महोत्सव बनाया. एक आदर्श प्रस्तुत किया उपप्रवर्तनी महा सती कीर्ति सुधा जी, मनीष जी, प्रमोद सुधा जी, आदर्श ज्योति जी ने उनके गुणानुवाद किया. इंदौर के सभी संघ के प्रमुख होने श्रद्धांजलि अर्पित की संतोष मामा ने संचालन किया.
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