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हिन्दी रक्षक राष्ट्रीय सम्मान 2022 : राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच द्वारा आयोजित

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil paliwal Updated Tue, 03 May 2022 04:18 PM
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इंदौर : राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच और दिव्योत्थान एजुकेशन एंड वेलफ़ेयर सोसायटी के सँयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच के पोर्टल hindirakshak.com की एक करोड़ पाठक संख्या का महोत्सव के तहत एवं दिव्यांग भाई बहनों के सहायतार्थ “हिन्दी रक्षक राष्ट्रीय सम्मान 2022” कार्यक्रम का आयोजन 1 मई 2022 को प्रीतमलाल दुआ सभागृह में किया गया.

इस सम्मान समारोह में विशेष रूप से नेपाल व लन्दन सहित परभणी (महाराष्ट्र), लखनऊ (उत्तर प्रदेश), बिहार, बैंलूरु (कर्णाटक), छत्तीसगढ़, दिल्ली, अयोध्या (उत्तर प्रदेश), सिवनी, उज्जैन, मुरैना, महू, इंदौर, बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश), रांची (झारखंड), राणापुर (झाबुआ), सांवेर, शाहजहांपुर (उत्तर प्रदेश), धार, भटिंडा (पंजाब) अदि शहरों व प्रदेशों से आए कई साहित्यकारों, शिक्षाविदों, और समाजसेवियों को अपने क्षेत्र में हिन्दी भाषा में उत्कृष्ट कार्य करने वाली देश की 43 प्रतिभाओं को शाल, श्रीफल, स्मृति चिन्ह एवं प्रशंसा पत्र देकर “हिन्दी रक्षक राष्ट्रीय सम्मान 2022” से सम्मानित किया गया।

सम्मान समारोह में पांच सम्मान विशेष वरिष्ठ सदस्यों का भी सम्मान किया गया, जिसमें जीवनपर्यंत साहित्य सेवा सम्मान 2022 रशीद अहमद शेख़ “रशीद” धारवी (इंदौर) को दिया गया साथ ही श्री शरद जोशी “शलभ” वरिष्ठ साहित्यकार धार, प्रो. डॉ. कला जोशी शिक्षाविद इंदौर, मालवी बोली की प्रसिद्ध साहित्यकार माया मालवेंद्र बदेका “नारायणी” उज्जैन एवं श्रेष्ठ मंच संचालन का सम्मान श्रीमती अर्पणा जोशी इंदौर को दिया गया।

इस अवसर पर hindirakshak.com की प्रधान सम्पादक डॉ. दीपमाला गुप्ता एवं सम्पादक पवन मकवाना द्वारा दिव्यांग भाई बहनों के सहायतार्थ संग्रहित की गई राशि रु. 1 लाख का चेक अतिथियों के कर कमलों से दिव्योत्थान एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर सोसाइटी के कोषाध्यक्ष श्री अंशुल गुप्ता व उपाध्यक्ष श्रीमती मयूरी गुप्ता एवं सदस्य श्रीमती मयूरी महाजन, अतुल महाजन को दर्शकों की करतल ध्वनि के साथ सौंपा गया, उक्त धन राशि का उपयोग दिव्यांगों के उत्थान हेतु किया जाएगा।

कार्यक्रम का संचालन अपनी ओजस्वी वाणी से श्रीमती अपर्णा तिवारी ने किया कार्यक्रम के अंत में अतिथियों व कार्यक्रम में दूर-सुदूर प्रदेशों से पधारे साहित्यकारों का आभार राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच के संस्थापक पवन मकवाना ने किया।

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