इंदौर । जिले में खासगी ट्रस्ट के 25 मंदिरों से जुड़ी जमीनों का सीमांकन कर प्रशासन द्वारा इनका कब्जा लिया जाएगा। साथ ही जिस जमीन पर शासन का नाम दर्ज नहीं होगा, उसे शासकीय अभिलेखों में मध्यप्रदेश शासन के नाम दर्ज किया जाएगा। कमिश्नर डॉ. पवन शर्मा के आदेश के बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने संबंधित एसडीएम और तहसीलदारों को रविवार को आदेश जारी कर दिए हैं। एसडीएम और तहसीलदार इन मंदिरों और इनकी अन्य संपत्तियों पर मध्यप्रदेश शासन का बोर्ड लगाएंगे। मौके पर की गई कार्रवाई का पंचनामा बनाया जाएगा, साथ ही वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की जाएगी। यह पूरी रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी जाएगी।
इंदौर जिले के 25 मंदिरों की करीब 300 एकड़ जमीन जिले के अलग-अलग गांवों में है। इनमें कृष्णपुरा स्थित पट्टाभिराम मंदिर, राजवाड़ा चौक का महालक्ष्मी मंदिर, श्रीराम मंदिर बाणगंगा, राम मंदिर लोधीपुरा, श्री पार्वती तुकेश्वर मंदिर केशरबाग, राम मंदिर केशरबाग, सत्य नारायण मंदिर आड़ा बाजार, हरसिद्धी मंदिर, गणपति मंदिर जूनी इंदौर, भैरव मंदिर कृष्णपुरा, मारुति, महादेव व गणपति मंदिर कानूनगो बाखल शामिल हैं। इनके अलावा कृष्णपुरा नदी के बीच संगमेश्वर मंदिर, श्रीराम मंदिर व मारुति मंदिर का ओटला बारद्वारी छत्रीबाग, मारुति मंदिर मिस्त्रीखाना, बिजासन माता मंदिर सिरपुर, बिल्केश्वर महादेव और श्रीराम मंदिर हातोद, तिल्केश्वर महादेव व श्रीराम मंदिर तिल्लौर खुर्द, केवड़ेश्वर मंदिर केवड़िया, गुटकेश्वर महादेव ओर खेड़ापति मंदिर देवगुराड़िया, गणपति मंदिर पिपल्दा, जबरेश्वर मंदिर सांवेर की जमीन भी शामिल है। इनके अलावा भी खासगी ट्रस्ट की कोई संपत्ति होगी तो उसका सीमांकन कर कब्जा लिया जाएगा।