खबरों के अनुसार सोमवार के दिन मोदी सरकार ने एक और सरकारी कंपनी को बेचने की मंजुरी दे दी है। सरकार जो कंपनी बेचने जा रही है उसका नाम सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिकस लिमिटेड है। यह सरकारी कंपनी वैज्ञानिक और औधोगिक अनुसंधान के अंतर्गत आने वाली कंपनी में से एक है।
आखिर क्यों सरकार यह कंपनी को बेच रही है । बताया जा रहा है के इस कंपनी में ज्यादातर लोग काम। नही करते हौ । ऐसा इसलिए के इस कंपनी को जो कोई भी प्रोजेक्ट मिलता था उसे प्रोजेक्ट का पूरा काम कम्पनी किसी दूसरी कंपनी को दे देती थीं। इसी कारण से कंपनी का ज्यादातर स्टाफ बिना काम के ही बैठा रहता था।
भारत सरकार ने रणनीतिक विनिवेश के हवाले से एयर इंडिया के बाद यह दूसरी कंपनी है जिसे सरकार ने नंदल फाइनेंस एंड लीजिंग को 210 करोड़ रुपये में बेचने की मंजरी दे दी है।
सोमवार के दिन बैठक में सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विज्ञान और प्रोधोगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह भी शामिल थे। इस बैठक में सबसे ज्यादा बोली दो कंपनी ने लगायी थीं। जिसमे नंदल फाइनांस एन्ड लीजिंग प्राइवेट लिमिटेड ने सबसे ज्यादा बोली लगाकर CEL को खरीदा था। बतादे के नंदल फाइनेंस एन्ड लीजिंग ने 210 करोड़ रुपये की बोली लगाकर यह कंपनी को खरीदा था तब दूसरे नंबर की बोली जेपीएम इंडस्ट्रीज ने 190 करोड़ की बोली लगाई थी।