खराब जीवन शैली के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हो सकती है जिनमे से एक खून का गाढ़ा होना भी है। जब किसी मनुष्य का खून सामान्य से अधिक गाढ़ा हो जाता है तो उससे कई प्रकार कि गंभीर बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ जाता है। बता दें की मेडिकल भाषा में गाढ़े खून को हाइपरकोएगुलेबिलिटी कहते है। एक्सपर्ट्स के अनुसार जिन लोगों का खून अधिक गाढ़ा होता है उनमे रक्त के थक्के जमने का खतरा भी अधिक होता है और फिर इन्ही खून के थक्को के कारण हार्ट अटैक होने का खतरा भी बढ़ जाता है। शरीर में जब खून अधिक गाढ़ा हो जाता है तो गाढ़े खून के कारण शरीर में जाने वाली ऑक्सीजन , हॉर्मोन और पोषक तत्वों की गति को भी बाधित करता है जिस कारण शरीर को कई प्रकार की बीमारियों का भी सामना करना पड़ता है।
1.हृदय विशेषज्ञ डा. सुमन भंडारी बताती हैं की अधिक पसीना आने से भी खून गाढ़ा हो जाता है क्योंकि इससे खून में कॉलेस्ट्रॉल चर्बी बढ़ जाती है जिस कारण थक्के जमने का भी खतरा रहता है।
2.पॉलिसिथेमिया वेरा : पॉलिसिथेमिया के कारण आपके शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की संख्या ज्यादा बनने लगती हैं और इस कारण भी खून गाढ़ा हो जाता है।
3.शरीर में प्रोटीन सी और प्रोटीन एस की कमी के चलते भी खून गाढ़ा होने की समस्या हो सकती है।
कई लोगों को शुरुआती दौर में गाढा खून होने जाने के कोई लक्षण नहीं दिखाई पड़ते हैं जब तक की उनके शरीर में कोई थक्का न जम जाए क्यूंकि रक्त के थक्के जम जाने पर शरीर में दर्द होता है।
1.बार-बार सिर दर्द होना भी गाढ़े खून का लक्षण है।
2.सांस फूलना या सांस लेने में तकलीफ होना।
3.आंखों में दर्द रोशनी का कमजोर होना।
4.शरीर में ज्यादा खुजली का होना।
अधिक गाढ़े खून के कारण शरीर में कई प्रकार की समस्याएं हो सकती हैं जैसे की हार्ट अटैक का खतरा , स्ट्रोक होने का खतरा , दिल का कमजोर व दिल के दौरे का खतरा , गुर्दे खराब होना आदि समस्याएं गाढ़े खून के कारण हो सकती हैं।
गाढ़े खून से होने वाली परेशानियों से बचनेके लिए खून को पतला व सामान्य करना बहुत जरूरी है। खून को पतला करने के लिए रोजाना एक्सरसाइज करें व पानी ज्यादा पीये, दालचीनी व अंगूर का सेवन करने से भी गाढ़े खून को पतला किया जा सकता है इसके अलावा समय-समय पर डॉक्टर से चेकअप कराते रहें।