नई दिल्ली.
नई दिल्ली: ऑनलाइन मनी गेम के नियमों के उल्लंघन करने वालों की अब मुश्किलें और बढ़ने वाली हैं। दरअसल, केंद्र सरकार ने इसे गैर-जमानती बनाने का प्रस्ताव दे दिया है। यानि कि इसके तहत उल्लंघन करने पर बिना वारंट के अपराधियों की तलाशी की जाएगी और फिर गिरफ्तारी होगी।
इतना ही नहीं, अपराधी को सहयोग करने के लिए कंपनी के पूरे स्टाफ को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। गुरुवार को जारी मसौदा नियमों के अनुसार किसी भी अधिकृत अधिकारी को ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन (PROG) अधिनियम 2025 के तहत किसी भी अपराध को अंजाम देने वाले संदिग्ध व्यक्ति की बिना वारंट के तलाशी लेने और गिरफ्तार करने की अनुमति दी जाएगी।
मसौदा नियमों के अनुसार भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 में निहित किसी भी बात के बावजूद, धारा 5 और धारा 7 के तहत अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होंगे। मसौदा नियमों के तहत धारा 5 संस्थाओं को ऑनलाइन मनी गेम्स और ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवाओं की पेशकश, सहायता, उकसाने, प्रेरित करने या उनमें शामिल होने से रोकती है।
धारा 7 बैंकों, वित्तीय संस्थानों या किसी अन्य व्यक्ति को किसी भी ऑनलाइन मनी गेमिंग सेवा के लिए वित्तीय लेनदेन की सुविधा देने से रोकती है। मसौदा नियमों को PROG अधिनियम की धारा 19 के तहत तैयार किया गया है, जिसे राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई और 22 अगस्त को अधिसूचित किया गया।
बता दें कि ये मसौदा नियम PROG ACT की धारा 19 के तहत तैयार किए गए हैं, जिसे राष्ट्रपति की स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है और 22 अगस्त को अधिसूचित किया गया था। अगस्त में संसद द्वारा अनुमोदित यह अधिनियम देश में ऑनलाइन मनी गेम्स और धन-आधारित गेमिंग सेवाओं के साथ-साथ उनके प्रचार पर भी प्रतिबंध लगाता है।
ये नियम अधिनियम के तहत उपकरणों सहित संदिग्ध स्थानों की तलाशी लेने के लिए अधिकृत अधिकारियों या व्यक्तियों को किसी भी प्रकार के मुकदमे या कानूनी कार्यवाही से सुरक्षा प्रदान करते हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने मसौदा नियमों पर 31 अक्टूबर तक प्रतिक्रिया और टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।