नई दिल्ली. सरकार ने संसद में बताया कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना के तहत लाभार्थियों के डेटा की बड़े पैमाने पर जांच के बाद नकद लाभ लेने वाले गैर-किसानों और अयोग्य किसानों से अब तक कुल 335 करोड़ रुपये की वसूली की गई है।
पीएम-किसान योजना के लिए लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में शुरू में स्व-प्रमाणन का तरीका अपनाया गया था यानी कि राज्य सरकारों द्वारा किसानों के डेटा पर भरोसा किया जाता था। हालांकि बाद में यह पाया गया कि कुछ गैर-किसान और अयोग्य किसान इस योजना का लाभ उठा रहे थे।
इन कदमों के परिणामस्वरूप सरकार ने अब तक 335 करोड़ रुपये की वसूली की है। यह राशि उन अयोग्य लोगों से वसूल की गई है जिन्होंने बिना पात्रता के योजना के तहत लाभ लिया था। वसूली केंद्र सरकार के सहयोग से विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा की गई है।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी ने लोकसभा में अपने लिखित उत्तर में कहा केंद्र सरकार ने 18 किस्तों में 3.46 लाख करोड़ रुपये से अधिक का वितरण किया है और हम लाभार्थियों के पंजीकरण और सत्यापन में पूर्ण पारदर्शिता बनाए रखते हैं।