महेंद्र तिवारी
नई दिल्ली : देश की सबसे बड़ी प्रशासनिक सेवा (आईएएस संवर्ग) के अधिकारी एक बड़ी विसंगति का सामना कर रहे हैं। दरअसल, एक ही बैच के आईएएस अधिकारी एक ही समय में अलग-अलग राज्यों व केंद्र में अलग-अलग पद व वेतनमान में तैनात हैं। इससे आर्थिक नुकसान तो है ही, वरिष्ठता-कनिष्ठता की खाईं बननी शुरू हो गई है। यूपी में 1990 बैच के आईएएस अधिकारी अभी प्रमुख सचिव पद पर कार्यरत हैं।
दूसरी ओर, कई दूसरे राज्यों में 1990 से लेकर 1992 बैच तक के अधिकारी मुख्य सचिव तक बन चुके हैं। मसलन, 1990 बैच के आईएएस अधिकारी अनिरुद्ध तिवारी पंजाब के, कुमार आलोक त्रिपुरा व जीतेंद्र नारायण अंडमान निकोबार द्वीप समूह के मुख्य सचिव हैं। 1991 बैच के आईएएस अधिकारी पुनीत कुमार गोयल गोवा व जान ए. आलम नगालैंड के मुख्य सचिव हैं। यही नहीं 1992 बैच के आईएएस अधिकारी राजीव वर्मा पुडुचेरी के मुख्य सचिव हैं।
प्रमुख सचिव वेतनमान वाले अफसरों को पे मैट्रिक्स में लेवल 15 (बेसिक पे -1,82,200 रुपये) का वेतन मिलता है, जबकि अपर मुख्य सचिव व मुख्य सचिव को पे मैट्रिक्स में लेवल- 17 एपेक्स स्केल (2,25,000 रुपये) का लाभ मिलता है। यूपी कैडर के 1990, 1991 व 1992 बैच के अफसरों को अपने ही बैच वाले कई अन्य कैडर के अफसरों के मुकाबले काफी आर्थिक नुकसान हो रहा है।
राज्यों में मुख्य सचिव ब्यूरोक्रेसी का सबसे बड़ा पद होता है। मगर, मुख्य सचिवों की तैनाती की बात करें तो यूपी के मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा देश के सभी मुख्य सचिवों में सबसे वरिष्ठ हैं। वह 1984 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और केंद्र सरकार ने उन्हें सेवाविस्तार देकर मुख्य सचिव बनने का अवसर दिया है। राज्यों के मुख्य सचिवों में 1984 से लेकर 1992 बैच तक के अधिकारी शामिल हैं।
देश में 1984 बैच के एक, 1985 बैच के तीन, 1986 बैच के सात, 1987 बैच के पांच, 1988 बैच के छह, 1989 बैच के पांच, 1990 के बैच तीन, 1991 बैच के दो व 1992 बैच के एक आईएएस अधिकारी मुख्य सचिव के पद पर हैं। इनमें पांडिचेरी के मुख्य सचिव राजीव वर्मा सबसे जूनियर हैं। वह 1992 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।
केंद्र में 1988 बैच के सचिव स्तर के एक अधिकारी ने जूनियर बैच के एक मुख्य सचिव को फोन मिलवाया। मुख्य सचिव के निजी सचिव ने यह कहकर अपने साहब को पहले लाइन पर लेने से इन्कार कर दिया कि आपके साहब सचिव हैं और हमारे मुख्य सचिव।
यूपी में 1989 बैच तक के आईएएस अधिकारी मुख्य सचिव वेतनमान व अपर मुख्य सचिव पदनाम पर पदोन्नत हो चुके हैं लेकिन, यदि यूपी के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी त्रिपुरा, पंजाब (चंडीगढ़), नागालैंड, गोवा, पांडिचेरी या अंडमान निकोबार की सरकारी यात्रा पर जाएं और उन्हें वहां मुख्य सचिव के साथ बैठक करनी हो तो उन्हें बतौर मातहत साइड की कुर्सी शेयर करनी पड़ेगी। इन सभी राज्यों के मुख्य सचिव 1989 बैच के बाद के आईएएस अधिकारी हैं।
अमर उजाला, साभार