नई दिल्ली : सरकारी क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया ने फ्यूचर रिटेल के खिलाफ दिवाला कार्यवाही शुरू करने के लिए राष्टीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) में एक याचिका दायर की है. इस महीने के शुरू में फ्यूचर रिटेल बैंकों के 5,322 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर पाई थी. इसी मामले में बैंक ने याचिका दायर की है. फ्यूचर रिटेल ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में यह बात कही है. उसका कहना है कि अमेजन के साथ चल रहे मुकदमों और अन्य मुद्दों के कारण वह भुगतान नहीं कर पाई. किशोर बियानी की कंपनी ने कहा कि उसे याचिका से संबंधित नोटिस मिला है और इस मामले में वह कानूनी सलाह भी ले रही है.
फ्यूचर रिटेल के खिलाफ पिछले महीने बैंक ऑफ इंडिया ने अखबारों में एक नोटिस देकर उसकी संपत्तियों पर अपना दावा ठोंका था. साथ ही जनता को भी कहा था कि उन संपत्तियों के साथ कोई सौदा नहीं किया जाए. फ्यूचर समूह को कर्ज देने वालों बैंकों में बैंक ऑफ इंडिया लीड बैंकर था. इसने अगस्त 2020 में 24,713 करोड़ रुपये में रिलायंस के साथ सौदा किया था. इसके तहत इसकी कुल 19 कंपनियां बेची जानी थीं.
फ्यूचर समूह एक अप्रैल को 5,322 करोड़ रुपये के भुगतान से चूक गया था. इसके पहले 31 दिसंबर 2021 को भी यह बैंकों के 3,494 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं कर पाया था. बाद बैंक ऑफ बड़ौदा पहला बैंक था, जिसने फ्यूचर समूह को डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल में ले गया था. 20-23 अप्रैल तक फ्यूचर समूह अपने शेयरधारकों और उधारी देनेवालों के साथ एक बैठक करेगा. इसमें 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को मंजूरी देने के मुद्दे पर चर्चा होगी.