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पहलगाम आतंकी हमले पर सर्वदलीय बैठक : आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सभी दल सरकार के साथ

दिल्ली Published by: paliwalwani Updated Fri, 25 Apr 2025 01:40 AM
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नई दिल्ली. 

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद भारत औरके बीच तनाव बढ़ता हुआ नजर आ रहा है। दोनों देशों ने एक-दूसरे के खिलाफ कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। हालांकि, इसी बीच गुरुवार देर रात केंद्र सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। जिसमें सभी दलों के नेता शामिल हुए। इस दौरान सभी दलों ने सरकार को अपना पूर्ण समर्थन दिया। और कहा कि सभी विपक्षी दल सरकार की कार्रवाई के साथ खड़े हैं। साथ ही विपक्ष ने आतंकवाद के खिलाफ केंद्र के हर फैसले का समर्थन करने की प्रतिबद्धता जताई।

इस हाई लेवल मीटिंग के बारे में बीजेपी नेता किरेन रिजिजू ने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सर्वदलीय बैठक को जानकारी दी कि पहलगाम हमला कैसे हुआ और इसके बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की बैठक में सरकार ने क्या फैसला लिया। बैठक में केंद्रीय मंत्री औरकेअध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर, भाजपा नेता किरेन रिजिजू, कांग्रेस अध्यक्ष कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी)और अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए।

बैठक में शामिल हुए रिजिजू ने कहा कि केंद्र ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस की नीति पर जोर दिया और इस संबंध में सख्त कार्रवाई करने की मंशा जताई। रिजिजू ने कहा कि शुरुआत में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम में हुई घटना के बारे में बात की और घटना के बाद सीसीएस की बैठक में सरकार द्वारा लिए गए निर्णयों को साझा किया। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सरकार के जीरो टॉलरेंस के रुख के बारे में भी बात की। कहा गया कि यह घटना बहुत दुखद थी और सरकार ने आगे और भी सख्त कार्रवाई करने की मंशा जताई है।

रिजिजू ने कहा कि पिछले कई सालों से कश्मीर के लोग अपना कारोबार कर रहे थे, पर्यटक आ रहे थे और सब कुछ ठीक चल रहा था। इस घटना ने उस शांतिपूर्ण माहौल को बिगाड़ दिया है और सभी ने इस पर अपनी चिंता व्यक्त की है। सभी राजनीतिक दलों ने अपने विचार साझा किए और इस बात पर आम सहमति बनी कि देश को एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ एक स्वर में बोलना चाहिए।

रिजिजू ने यह भी कहा कि विपक्ष ने केंद्र को अपना समर्थन व्यक्त किया है और इस बात पर सहमति जताई है कि भारत को आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत ने पहले भी आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और आगे भी करता रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से सर्वदलीय बैठक में इस पर चर्चा की गई है। आईबी, गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने घटना के बारे में जानकारी दी, घटना कैसे हुई और कहां चूक हुई।

उन्होंने कहा कि सभी दलों ने कहा कि वे आतंकवाद के खिलाफ इस लड़ाई में सरकार के साथ हैं। सभी राजनीतिक दलों ने यह संदेश दिया है और सभी दलों के नेताओं ने एक स्वर में कहा है कि सरकार जो भी कदम उठाएगी, हम उसका समर्थन करेंगे। बैठक सकारात्मक रही। भाजपा नेता ने कहा कि पहलगाम हमला बहुत दुखद है और देश चिंतित है। उन्होंने कहा कि इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने आज और भी सख्त कार्रवाई करने की मंशा भी जताई है।

केंद्र द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के बाद लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि हमने इस कृत्य की एकमत से निंदा की है। विपक्ष ने सरकार को कोई भी कार्रवाई करने के लिए अपना पूरा समर्थन दिया है।

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद रायबरेली के सांसद शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर का दौरा करेंगे। बता दें, अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर गए राहुल गांधी ने अपनी यात्रा बीच में ही समाप्त कर दी और गुरुवार सुबह जल्दी हीलौट आए।

खड़गे ने कहा कि हम सभी ने आतंकी हमले की निंदा की। हमने कश्मीर में शांति लाने के लिए अपनी चिंता जताई और कहा कि हम सभी को इसके लिए प्रयास करने की जरूरत है। हालांकि, बैठक में भाग लेने के बाद खड़गे ने तीन स्तरीय सुरक्षा के बावजूद सुरक्षा चूक पर सवाल उठाया। उन्होंने 26 निर्दोष लोगों की जान लेने वाले आतंकी हमले के बाद तुरंत कार्रवाई न करने के लिए सरकार की आलोचना की।

उन्होंने कहा कि ऐसी महत्वपूर्ण बैठक में प्रधानमंत्री मोदी का मौजूद रहना बहुत जरूरी है, क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा लिया गया फैसला अंतिम होता है। तीन स्तरीय सुरक्षा के बावजूद सुरक्षा में चूक कैसे हुई? यह सुरक्षा में चूक है और सरकार ने आतंकी हमले के जवाब में तुरंत कार्रवाई नहीं की। हम देश के हित में सरकार के फैसले का समर्थन करेंगे। हम इस घटना की निंदा करते हैं। हम यह संदेश देना चाहते हैं कि देश एकजुट है।

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि केंद्र को आतंकवादियों को पनाह देने वाले देश के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया किकानून भी हमें पाकिस्तान के खिलाफ आत्मरक्षा में हवाई और नौसैनिक नाकाबंदी करने और हथियारों की बिक्री पर पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाने की अनुमति देता है।

उन्होंने आगे पूछा कि सीआरपीएफ को बैसरन मैदान में क्यों नहीं तैनात किया गया और त्वरित प्रतिक्रिया दल को वहां पहुंचने में एक घंटा क्यों लगा और उन्होंने लोगों का धर्म पूछकर उन्हें गोली मार दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि “कश्मीरियों और कश्मीरी छात्रों के खिलाफ झूठा प्रचार बंद होना चाहिए और हम हमले की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि मैं इस बात की निंदा करता हूं कि आतंकवादियों ने लोगों का धर्म पूछकर उनकी हत्या की।

ओवैसी ने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित करने के केंद्र के फैसले की भी प्रशंसा की, लेकिन सवाल किया, “हम पानी कहां रखेंगे?” उन्होंने कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है, लेकिन हम पानी कहां रखेंगे? केंद्र सरकार जो भी फैसला लेगी, हम उसका समर्थन करेंगे। यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है।

आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि पूरा देश गुस्से में है, दुखी है और देश चाहता है कि केंद्र सरकार आतंकवादियों को उनकी भाषा में मुंहतोड़ जवाब दे। जिस तरह से उन्होंने निर्दोष लोगों को मारा है, उनके शिविरों को नष्ट किया जाना चाहिए और पाकिस्तान के खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि यह घटना 22 अप्रैल को हुई और 20 अप्रैल 2025 को सुरक्षा एजेंसियों की जानकारी के बिना उस जगह को खोल दिया गया। सुरक्षा एजेंसियों को इसकी कोई जानकारी नहीं थी। हमने मांग की है कि जवाबदेही तय की जानी चाहिए और कार्रवाई की जानी चाहिए कि सुरक्षा में चूक क्यों हुई।

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