इस वीडियो बायोग्राफी में जस्टिस सुधीर के जीवन संघर्षों को दिखाया गया है। जस्टिस सुधीर अग्रवाल देश-दुनिया में एकमात्र जज है जिनके नाम सबसे अधिक फैसला सुनाने का रिकॉर्ड है।
2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा राम मंदिर मामले पर फैसला सुनाने के बाद जस्टिस सुधीर अग्रवाल देश-दुनिया में चर्चा में आये। राम जन्मभूमि बनाम बाबरी मस्जिद पर सुनवाई के लिए बनाई गई तीन जजों की बेंच में जस्टिस सुधीर अग्रवाल भी शामिल थे।
बायोग्राफी ‘मेरी छोटी सी कहानी‘ में जस्टिस सुधीर अग्रवाल ने खुलासा किया है कि उन पर फैसला नहीं सुनाने का भारी दबाव था। कई लोगों द्वारा न्यायिक प्रक्रिया में विघ्न डालने का प्रयास किया भी किया गया।
लेकिन इस बेंच में शामिल जज यह तय कर चुके थे कि इस मामले को अंजाम तक पहुंचाना जरूरी है। क्योंकि इस देश की जनता यह मान चुकी थी राम जन्मभूमि मामले पर फैसला कभी नहीं हो सकता।
राम जन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के बाद जस्टिस सुधीर अग्रवाल की निजी जिंदगी किस तरह प्रभावित हुई, उन्होंने इस फैसले के बाद क्या खोया और क्या पाया, यह जानने के लिए एक बार जस्टिस सुधीर अग्रवाल की बायोग्राफी जरूर देखनी चाहिए।
बायोग्राफी की स्पेशल स्क्रीनिंग में सुप्रीम कोर्ट के जज हाई कोर्ट के जज तथा एनजीटी के मेंबर सहित जस्टिस सुधीर अग्रवाल की फैमिली, रिश्तेदार, दिल्ली-एनसीआर के प्रशासनिक और न्यायिक विभाग से जुड़े आला अधिकारी, 5 एन इंटरनेशनल की टीम सहित करीब 300 लोग मौजूद रहे।
निर्देशक राजीव निशाना का कहना है कि इस बायोग्राफी के माध्यम से जस्टिस सुधीर अग्रवाल के जीवन से जुड़े कई अनछुए पहलुओं को दिखाने का प्रयास किया गया है। उम्मीद है कि जस्टिस सुधीर अग्रवाल की वीडियो बायोग्राफी से युवाओं को सकारात्मक सोच मिलेगी और दर्शकों को काफी पसंद आयेगी।