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भाजपा नेता ममता यादव की मौत की नहीं सुलझी गुत्‍थी : ममता के पास थे नेताओं के राज?

भोपाल Published by: paliwalwani Updated Tue, 02 Jul 2024 01:28 AM
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भोपाल. मध्य प्रदेश की भाजपा नेता ममता यादव की रहस्यमयी मौत के नौ महीने हो चुके हैं लेकिन अब तक यह मिस्ट्री सुलझाई नहीं जा सकी है। ममता यादव मिसिंग मामले की छानबीन में दो राज्यों की पुलिस जुटी हुई हैं। फिर भी अब तक कोई सुराग हाथ नहीं लगा है। आलम यह कि ममता यादव की डेड बॉडी अंतिम संस्कार के लिए अभी तक उनके परिजनों को नहीं सौंपी गई है। अभी एक दिन पहले ही कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि ममता के परिवार को पुलिस से कोई मदद नहीं मिल रही है।

पुलिस ने क्यों की रिपोर्ट दर्ज करने में देरी

ममता यादव 11 सितंबर, 2023 को लापता हो गई थीं। ममता ने परिजनों को बताया था कि वह एक परिचित से साल लाख रुपये वसूलने के लिए प्रयागराज जा रही हैं। ममता ने आखिरी बार 21 सितंबर को अपने भाई से बात की थी। उसके बाद वह गायब हो गई। परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में लापरवाही बरती। ममता की गुमशुदगी का केस दर्ज करने को लेकर बार-बार गुजारिश किए जाने के बावजूद पुलिस ने कथित तौर पर रिपोर्ट दर्ज करने में देरी की।

क्या कह रही एमपी पुलिस?

एक रिपोर्ट के मुताबिक, फरवरी महीने में ममता के भाई राजभान को यूपी पुलिस ने प्रयागराज बुलाया था। यूपी पुलिस ने राजभान को लावारिस शवों की तस्वीरों से अपनी बहन की पहचान करने के लिए कहा था। यूपी पुलिस को डेड बॉडी 26 सितंबर, 2023 को मिली थी। पुलिस ने प्रयागराज में ही उसे दफना दिया था। इस मामले में एमपी पुलिस कहती है कि अधिकार क्षेत्र के विवादों के कारण जांच में बाधा आई। ममता के भाई का कहना है कि बहन को परेशान कर रहे थे कुछ गुंडे…

दिग्विजय सिंह ने की हाईलेवल जांच की मांग

अशोकनगर के पुलिस अधीक्षक विनीत जैन कहते हैं कि चूंकि प्रयागराज पुलिस ने लाश बरामद की है, इसलिए मामले में जांच करना उनकी भी जिम्मेदारी बनती है। यूपी पुलिस इस मामले में छानबीन कर रही है। एमपी पुलिस की ओर से सभी सबूत यूपी पुलिस को हेंड ओवर कर दिए गए हैं। वहीं मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने ममता यादव की मौत की हाईलेवल जांच की मांग की है। उन्होंने एमपी पुलिस के रवैये पर भी सवाल उठाए हैं।

भाजपा ने खारिज की साजिश की आशंका

एक रिपोर्ट के मुताबिक, दिग्विजय सिंह ने बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर डीजीपी तक को पत्र लिखा है। पुलिस महानिदेशक से इस केस की जांच एनआईए या एसटीएफ से कराए जाने की मांग की है। कांग्रेस नेता का कहना है कि यह मामला कोई मामूली केस नहीं है। यह एक भाजपा मंडल अध्यक्ष की नृशंस हत्या का केस है। हालांकि उन्होंने सीबीआई जांच में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। दूसरी ओर भाजपा ने इस मिसिंग मिस्ट्री में साजिश की आशंकाओं को खारिज कर दिया है।

ममता के पास थे नेताओं के राज?

वहीं एमपी के अशोकनगर की चंदेरी मंडल की भाजपा महामंत्री ममता यादव (35) के भाई राजभान ने फोन पर हुई बातचीत का जिक्र करते हुए सनसनीखेज खुलासे किए। उन्होंने कहा कि ममता ने उनसे कहा था कि उसकी जान को खतरा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि ममता के पास कुछ नेताओं के बारे में संवेदनशील जानकारी वाली पेन ड्राइव थी। जाने से पहले ममता ने कहा था कि उसके पास पेन ड्राइव है जिसमें कुछ राज हैं। हालांकि राज के बारे के बारे में उसने नहीं बताया था। वह पेन ड्राइव लॉकर में रखती थी।

टैटू से की थी डेड बॉडी की पहचान

बता दें कि ममता यादव की डेड बॉडी की पहचान एक टैटू से की गई थी। ममता यादव की लाश यूपी के प्रयागराज में पाई गई थी। परिजनों का कहना है कि वे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ ममता का अंतिम संस्कार करना चाहते हैं, लेकिन ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि पुलिस डेड बॉडी को उनके हवाले नहीं कर रही है। ममता की मां रैना बाई कहती हैं कि हम बेटी का अंतिम संस्कार सम्मान के साथ करना चाहते हैं। पुलिस को चाहिए कि वह बेटी की लाश को हमें सौंप दे।

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