भोपाल. प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की पंच प्रण से प्रेरणा प्राप्त कर मध्यप्रदेश के इंदौर स्थित देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में 25 करोड़ की लागत से ‘जैन अध्ययन केंद्र’ की स्थापना होगी. ‘जैन अध्ययन केंद्र’ की स्थापना से मध्यप्रदेश के साथ देशभर में जैन धर्म की संस्कृति एवं धरोहर के संरक्षण-संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा. श्री मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ‘‘विरासत से विकास और विरासत से संवर्धन‘‘ का कार्यकर रही है.
यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद श्री विष्णुदत्त शर्मा ने केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा इंदौर के देवी अहिल्या विश्व विद्यालय में ‘जैन अध्ययन केंद्र’ की स्थापना का निर्णय लिए जाने पर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कही।प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश में धर्म और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य लगातार किया जा रहा है.
इंदौर के विश्वविद्यालय में ‘जैन अध्ययन केंद्र’ के साथ गुजरात विश्वविद्यालय में 40 करोड़ की लागत से ‘‘जैन पांडुलिपि विज्ञान केंद्र‘‘ स्थापित करने का निर्णय ऐतिहासिक कार्य है. इन केंद्रों के माध्यम से जैन दर्शन के विकास, पांडुलिपियों के डिजिटलीकरण के माध्यम से भाषा के संरक्षण, सामुदायिक जनसंपर्क को प्रोत्साहन तथा जैन धर्म की अपभ्रंश और प्राकृत भाषा के विकास के लिए शिक्षण सहायता मिलेगी.
प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री विरासत से विकास और विरासत से संवर्धन का कार्य कर रहे हैं. प्रधानमंत्री की पंच प्रण से प्रेरणा कर इन दोनों केंद्रों की स्थापना का निर्णय लियागया है. मुझे पूर्ण विश्ववास है कि यह दोनों केंद्र ‘विरासत भी, विकास भी’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में भूमिका महत्वपूर्ण निभाएंगे.