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ये आदतें महिला-पुरुष दोनों को बना सकती हैं इनफर्टिलिटी का शिकार : डॉ. चंचल शर्मा

आपकी कलम Published by: Paliwalwani Updated Wed, 02 Aug 2023 12:11 AM
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माता-पिता बनना हर दंपति का सपना होता है, लेकिन शादी के कई साल गुजर के बाद भी बच्चा नही हुआ। ऐसा नहीं है कि दपंति कोशिश नहीं करते हैं। शुरु के कई साल कोशिश की लेकिन कोई नतीजा हासिल नहीं हुआ। डॉक्टर के पास जाने के बाद वहां भी कोई मेडिकल कंडीशन की जानकारी नहीं मिली। शादी के इतने समय बाद भी मां नहीं बन पाने से एक महिला की आत्म ग्लानि हो जाती है। किसी महिला को बांझ जैसे शब्द इसलिए मानसिक रूप से ज्यादा परेशान करते हैं क्योंकि ये कहने वाले सास-ननद, ससुर या कोई अपना होता है। 

आशा आयुर्वेदा स्थित डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि नए शादीशुदा जोड़ों की यह समस्या होती है कि वे शादी के दो महीने के भीतर ही रिजल्ट चाहते हैं। जब यह नहीं होता तब महिला पर दबाव डाला जाता है। वह एंग्जायटी में चली जाती है। जिससे स्ट्रेस इनफर्टिलिटी को और बढ़ा देता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में 15 में 1 व्यक्ति इनफर्टिलिटी की समस्या का शिकार हो रहे है। 

उनका कहना है कि निसंतानता की समस्या का कारण आधुनिक जीवनशैली और खानपान से जुड़ा है जो तेजी से बढ़ रही है। आपकी जीवनशैली और रोजमर्रा की आदतें भी फर्टिलिटी को प्रभावित करती हैं। निसंतानता की समस्या सिर्फ महिलाओं में ही नहीं बल्कि पुरुषों में भी हो सकती है। ज्यादातर लोगों को निसंतानता की समस्या के बारे में सही जानकारी नहीं है, इसकी वजह से लोग इससे जुड़ी सावधानियों पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। 

डॉ. चंचल ने महिला और पुरुष दोनों में फर्टिलिटी कमजोर होने के प्रमुख कारण बताएं है। पहला खान-पान से जुड़ी बुरी आदतों के कारण डाइट में पर्याप्त पोषक तत्व न होने महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणुओं की क्वालिटी खराब होती है। दूसरा नियमित रूप से योगा या व्यायाम नहीं करने से महिला और पुरुष दोनों की फर्टिलिटी कमजोर होती है। तीसरा पर्याप्त नींद न मिलने के कारण के कारण महिला और पुरुष दोनों ही निसंतानता की समस्या का शिकार हो सकते हैं।

इसकी वजह से आपका प्रजनन स्वास्थ्य प्रभावित होता है। आखिर में आज के समय में हर व्यक्ति इलक्ट्रोनिक डिवाइस के इस्तेमाल करते है। सभी तरह की डिवाइस इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन छोड़ते हैं जिसके संपर्क में बहुत देर रहने से इनफर्टिलिटी की समस्या उत्पन्न हो सकती हैं। 

आयुर्वेद की 5000 साल पुरानी पंचकर्म एक प्रमुख चिकित्सा पद्धति है जो विभिन्न रोगों के उपचार में उपयोगी सिद्ध हुई है। पंचकर्म से इनफर्टिलिटी (निसंतानता) की समस्या को बिना सर्जरी और साइड इफेक्ट के ठीक करने में सबसे प्रभावी उपचार माना जाता है। 

डॉ. चंचल शर्मा कहती है कि इनफर्टिलिटी की समस्या में, पंचकर्म के उत्तर बस्ती के माध्यम से रोगी के दोषों पर काम करके शरीर की प्राकृतिक क्षमता को बढ़ाया जाता है। यह उपचार महिलाओं में अंडे की गुणवत्ता, गर्भाशय नली, गर्भशय और पुरुषों में शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार करके प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने की क्षमता को बढ़ाता है। हर महीने 40 से 50 महिलाएं आयुर्वेद इलाज की मदद से गर्भधारण करती है।

उत्तर बस्ती पद्धति में आयुर्वेदिक औषधियों और तेल को कैथिटर के जरिए महिला के गर्भाशय में डाला जाता है। उत्तर बस्ती का इलाज आईवीएफ के महंगे इलाज से कई गुना सस्ता है। इस उपचार की सबसे अच्छी बात यह है कि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है और इसकी सफलता दर भी आईवीएफ से अधिक है।

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