" देश के दिल " मे कांग्रेस के नाथ अब कांग्रेस को अनाथ छोड़ भाजपा में जा रहें हैं। बंधु-बांधव, पुत्र-मित्र के संग नाथ ने दिल्ली में डेरा डाल दिया हैं। जहाँ भाजपा का राष्ट्रीय अधिवेशन जैसा बड़ा मजमा लगा हुआ हैं। इस मजमे का रविवार को आखरी दिन हैं। कमलदल के सिपहसालारो की रणनीति हैं कि अधिवेशन का समापन नाथ को भाजपा में लेकर कांग्रेस को अनाथ करने के साथ हो। इसके लिए कमलदल ने कमलनाथ के लिए रेड कारपेट बिछा दिया हैं। अब देखना ये है कि इस कारपेट पर नाथ की कदमताल कमल की तरफ होती है या सिर्फ नकुलनाथ ही अभी इस कारपेट पर चलेंगे? नाथ की इस कदमताल ने कांग्रेस को तो कही मुंह दिखाने लायक नही छोड़ा हैं। प्रदेश भाजपा के तमाम बड़े नेता भी हतप्रभ रह गए हैं कि नाथ आ गए तो प्रदेश भाजपा में उनकी भूमिका क्या रहेगी? ज्योतिरादित्य सिंधिया भी फिलहाल "सन्निपात" में हैं !
मध्यप्रदेश में कांग्रेस क्या " अनाथ" होने जा रही हैं? पार्टी के "नाथ" क्या "कमल" का साथ पकड़ रहे हैं? " चलो-चलो" कहते हुए नाथ भी कही कांग्रेस से तो चल नही दिए? इन सब सवालो के जवाब शनिवार अलसुबह से लेकर रविवार की भोर तक भोपाल, छिंदवाड़ा से लेकर दिल्ली तक तलाशे जा रहें हैं। स्पष्ट उत्तर खबर लिखे जाने तक नही आया था लेकिन तमाम पूर्वानुमान बता रहें हैं कि कमलनाथ, कांग्रेस को अनाथ छोड़ भाजपा में जा रहें हैं। साथ मे बेटे नकुलनाथ को भी ले जा रहें हैं। उनके पीछे पीछे प्रदेश के 20 से 30 विधायक भी भाजपा का दामन थामेंगे। जहां उनका नेता, वहाँ वे। इसी तर्ज पर प्रदेश के 4 नगरों के महापौर भी कमलनाथ के पक्ष में लामबंद हो गए है और वे भी नाथ के साथ साथ कांग्रेस को अनाथ बनाकर भाजपा में जा रहें हैं।
हालांकि कांग्रेस का खेमा अब भी इस उम्मीद से है कि कम से कम कमलनाथ तो ऐसा नही कर सकते। वे स्व इंदिरा गांधी के तीसरे पुत्र हैं और 10 जनपथ के वफ़ादार हैं। ये बात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी से लेकर दिग्विजयसिंह तक दोहरा रहें है लेकिन वे जानते हैं कि अब बात बहुत दूर निकल गई हैं। उधर भाजपा की केंद्रीय इकाई गदगद हैं। दिल्ली में कमलदल ने अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में कमलनाथ के लिए रेड कारपेट बिछा दिया है।
भाजपा को भरोसा है कि इसी रेड कारपेट से चलकर नाथ अपने पुत्र नकुलनाथ के संग रविवार शाम अधिवेशन के जरिये भाजपा में आ जाएंगे। अगर ऐसा हुआ तो ये कांग्रेस के लिए बहुत बड़ा झटका साबित होगा। क्योंकि नाथ के रूप में कांग्रेस का 11 वा पूर्व मुख्यमंत्री भाजपाई हो जाएगा। बीते सप्ताह ही महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण भी भाजपा में आये हैं। लोकसभा चुनाव के 100-50 दिन पहले हो रहे इस घटनाक्रम ने देश की सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी को कही भी मुंह दिखाने लायक नही छोड़ा हैं।
कमलनाथ के भाजपा में आने की खबरों ने दिल्ली स्थित भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को जहां एक तरफ गदगद कर दिया हैं, वही प्रदेश भाजपा हतप्रभ हैं। उसे सूझ ही नही रहा है कि ये अकस्मात कमलनाथ जैसे दिग्गज नेता की भाजपा में इंट्री कैसे? अभी तो पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव व प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने नाथ को भाजपा के लिये मुफ़ीद नही मानने का बयान दिया था कि वे हमारे किस काम के? अब वे ही कमलनाथ, भाजपा के भी नाथ बनकर व्हाया दिल्ली से भोपाल आ रहें हैं।
इस मामले ने पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन की वाणी सही साबित हुई। उन्होंने कहा था कि नाथ राम का जयकारा लगाए और भाजपा में आ जाये। नाथ की एंट्री से प्रदेश भाजपा के तमाम बड़े नेता हतप्रभ है। इसमें सीएम से लेकर मन्त्रिमण्डल के वरिष्ठ मंत्री से लेकर विधानसभा अध्यक्ष तक शामिल हैं। प्रदेश अध्यक्ष जरूर निर्विकार हैं लेकिन महामंत्री भी हतप्रभ रहने वाले नेताओं की कतार में हैं।
कमलनाथ अगर भाजपाई हुए तो उनके तमाम इन्दौरी समर्थक भी कमलदल के साथ हो जाएंगे। इस बात का खुलासा स्वयम नाथ के खास समर्थक पूर्व मंत्री सज्जनसिंह वर्मा ने कर दिया। उनका कहना है कि 40 साल का साथ है हमारा। जहां हमारे नेता वहां हम। उनके इस स्पष्ट बयान के बाद उनके खास समर्थक वरिष्ठ नेता राजेश चौकसे व उनके समर्थकों का भी भाजपा प्रवेश तय माना जा रहा हैं।
इसमे गिरधरनागर से लेकर अमित चौरसिया तक शामिल हैं। शनिवार को सज्जन वर्मा और राजेश चौकसे अपनी टीम के साथ दिल्ली पर नजरें गढ़ाए रहे। वर्मा रविवार को दिल्ली भी जा रहे है जहां उनकी कमलनाथ से मुलाक़ात होगी।
कमलनाथ बड़े नेता हैं। वे कांग्रेस को बड़ा झटका देकर ही भाजपा में जाएंगे। बताते है कि उनके साथ प्रदेश के 20 से 30 विधायक भी पार्टी छोड़ेंगे। 22 से ज्यादा संख्या में विधायक पार्टी छोड़ेंगे तो उन पर दलबदल कानून लागू नही हो पायेगा। सूत्रों की माने तो बस इसी मुद्दे पर नाथ की मोदी और शाह से अंतिम चर्चा शेष है जो आज हो सकती हैं। नाथ शनिवार से ही दिल्ली में ही है और उनके समर्थक बड़ी संख्या में शनिवार से ही दिल्ली पहुँच रहें हैं।
नाथ की इच्छा है कि मोदी शाह उन कांग्रेस विधायकों को टिकट का आश्वासन दे जो उनके साथ पार्टी छोड़कर भाजपा में आ रहें हैं। इंदौर के दो पूर्व विधायक विशाल पटेल और संजय शुक्ला के भी नाथ के साथ होने की खबरें शनिवार को ऊंचाई पाती रही। रविवार शाम तक ये धुंध छटने के पूरे आसार हैं।