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औपचारिता - हिन्दी दिवस विशेष

आपकी कलम Published by: Balkrishan Bagora Updated Wed, 14 Sep 2016 05:30 AM
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देश का स्वाभिमान,
हमारी राष्ट्रभाषा हिन्दी,
को कितना मिला मान है,
हर घर, परिवार ही इस
भाषा का कर रहे अपमान|

जिसे देखो अपने बच्चो को
अँग्रेज़ी का ही दे रहे है ज्ञान
किसी भाषा की जानकारी
से किसीको इनकार नही
मगर हमारे शीश पर विदेशी
भाषा का यदि साम्राज्य होगा,
तो बच्चे भविष्य मे हिन्दी
का कैसे कर सकेंगे अभिमान|

चन्द लोगो से हिन्दी का दामन
एक दूजे के हाथ मे भूल रहा,
केवल राष्ट्रभाषा दिवस मानने
की औपचारिकता से कुछ होता नही,
प्रतिदिन, हर घर परिवार मे,
राष्ट्रभाषा की खुराक देना
ही देश का होना चिए अभियान
नही तो बच्चे कुछ वर्षो मे,
"जलेन्द्र" बिसर जाएँगे हिन्दी ज्ञान|

-- बालकृष्ण बागोरा"जलेन्द्र" --
परामर्शदाता पालीवाल वाणी समाचार पत्र
+91-7389264545
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