आमेट । आमेट नगर एवं ब्लॉक क्षैत्र में संचालित निजी शिक्षण संस्थानों के संस्था प्रधानों ने गुरूवार को शिक्षा कुल सेवा संस्थान राजसमंद एवं निजी विधालय संगठन उपखण्ड आमेट के तत्वावधान में एसडीएम विनीत कुमार सुखाडिया को एक ज्ञापन देकर क्षेत्र में संचालित ट्यूशन व कोंचिग संस्थाए बंद करवाने की मांग की गई। ज्ञानोदय स्कूल आमेट के दिनेश चन्द्र शर्मा, केम्ब्रिज स्कूल आमेट के अजयपालसिंह, भवानी निकेतन विधालय आमेट के कमलेश शर्मा, आंचलिक स्कूल आमेट के मुबारिक अजनबी, आर.के.स्कुल आमेट के अनुभव शर्मा, एक्सीलेड स्कुल आमेट के सुरेश मैवाडा, न्यू सुभाष स्कुल जिलोला के अजीज खांन, तुलसी अमृत विधापीठ आमेट के नारायणलाल, नोबल इंटर नेशनल सरदारगढ के सुरेश सोर्य, प्रभात उ.प्रावि ढेलाणा के रतनसिंह, ग्रेट वेगन स्कुल आमेट के पीपीसिह, अवतार उप्रावि भीलमगरा के बाबुलाल, आरती पब्लिक स्कुल रावों का खेडा के प्रकाश सालवी, सुनिल बाल निकेतन आमेट के विष्णुदास वैष्णव, तुलसी अमृत विधापीठ/हिन्दी मिडियम/के शांतिलाल पारीक, आलोक बाल निकेतन घोसुण्डी के केशरसिंह पंवार, हरिओम विधा मंदिर आईडाणा के मनोहर रंगवानी, वीरपत्ता विधालय के विकास चौहान आदि ने दिये ज्ञापन में बताया कि कोरोना महामारी के चलतें सरकार द्रारा जारी की गई गाइन लाईन के तहत कोरोना महामारी के रोकथाम हेतु राज्य व आमेट स्तर पर भी 22 मार्च 2020 से सभी स्तर की शैक्षणिक संस्थाए, ट्यूशन एवं कोचिंग संस्थाए बंद है। इसी के तहत आमेट क्षेत्र की सभी निजी शिक्षण संस्थाएं भी सरकार की गाइडलाइन की पालना कर रही है। जिसके तहत शैक्षणिक कार्य पूर्णत्या बंद पडा है। इसके बावजूद भी नगर के विभिन्न क्षेत्रों में कुछ संस्थाए सरकार के आदेश की अवहेलना करतें हुए ट्यूशन व कोंचिग सेंटर चला रहे है। जहा पर बडी संख्या में बालक-बालिकाए एकत्रित हो रहे है। ज्ञापन में बताया की इन ट्यूशन व कोचिंग सेंटरों से कोरोना महामारी के फैलने का अंदेशा बना हुआ है। इन सेंटरों को तत्काल बंद करवाकर वंहा पढने जा रहे बालक-बालिकाओं की कोरोना जांच करवाकर कोरोना महामारी से बचा जा सके। इसी प्रकार मुख्यमंत्री के नाम दिए एक अन्य ज्ञापन में बताया गया कि राजस्थान के शिक्षामंत्री द्रारा दिए गये बयान व लिखित आदेश के बाद प्राइवेट स्कूलोँ मे स्थिति और ज्यादा चिंतनीय हो चुकी है। एक और आंन लाइन क्लासेज अप्रैल माह से यथावत जारी है। जिन्हें यह शिक्षक निरंतर ले रहे है। लेकिन शिक्षा मंत्री के निदेंशो से जो अभिभावक सक्षम है वे भी फीस जमा नहीं करवा रहे है। जिससे प्राइवेट स्कूल अपने शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन तक नही दे पा रहे है।जिसके चलते राज्य में 11 लाख कर्मचारी जिसमें शिक्षक, गैर शिक्षक,सफाईकर्मी, सुरक्षाकर्मी, व शिक्षा से जुडें लोग आज सडक पर आ चुके है। ज्ञापन मे शिक्षामंत्री के तुगलकी फरमान को शीघ्र वापस लिये जाने की मांग की गई।
● पालीवाल वाणी ब्यूरो-M. Ajnabee-Kishan Paliwal...✍️
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