आमेट. नगर के ज्ञानोदय महाविद्यालय जिलोला आमेट में मनाया गया शिक्षक दिवस। सर्वप्रथम ज्ञानोदय महाविद्यालय के संचालक दिनेश चंद्र शर्मा ने मां सरस्वती को दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
संचालक श्री दिनेश चंद्र शर्मा ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए बताया कि भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की परंपरा है। यह दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और पूर्व राष्ट्रपति विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है।
डॉक्टर राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था। महाविद्यालय की छात्रा कुसुम चुंडावत ने शिक्षक दिवस के उपलक्ष में अपने विचार व्यक्त करते हुए बताया कि शिक्षक हमारे जीवन का स्तंभ और मार्गदर्शक होते हैं जिस तरह मिट्टी को तराश कर कलाकृति तैयार करने का कार्य कुम्हार करता है वैसे ही शिक्षक हम विद्यार्थियों में निखार लाने और व्यक्तित्व में उत्कृष्ट गुणों का समावेश करने का कार्य शिक्षक ही करता है।
अन्य छात्र जोया खान ने संस्कृत के दोहे के माध्यम से गुरु के महत्व को प्रतिबिंबित करने का प्रयत्न किया गुरु ग्रंथन का सार है, गुरु है प्रभु का नाम। गुरु अध्यात्म की ज्योति है, गुरु है चारों धाम। कार्यक्रम के अंत में छात्र-छात्राओं ने व्याख्याता नरेश लोहार, प्राची टेलर, पंकज पालीवाल, पुरन डीरा व करण जी को उपहार भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में दुर्गा खटीक, पूजा बैरागी, हिम्मत सिंह भाटी, जितेंद्र गवारिया, पूजा चौहान ने गुरुजनों के सम्मान में अपने विचार व्यक्त किए।
M. Ajnabee, Kishan paliwal