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Amet News : राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने एसडीएम को सौपा ज्ञापन

आमेट Published by: M. Ajnabee, Kishan paliwal Updated Thu, 03 Apr 2025 11:15 AM
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Amet News : राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति ने एसडीएम को सौपा ज्ञापन
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आमेट. राजस्थान विद्युत संयुक्त संघर्ष समिति द्वारा विद्युत के क्षेत्र में उत्पादन प्रसारण एवं वितरण निगमो मे भिन्न-भिन्न प्रक्रियाओं एवं मॉडल  के नाम पर किए जा रहे हैं अंधाधुन निजीकरण पर रोक लगाने की मांग को लेकर आलोक कुमार अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा  विभाग राजस्थान सरकार के नाम उपखण्ड अधिकारी को एक ज्ञापन दिया।

इससे पूर्व विधुत कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया। ज्ञापन में बताया कि वितरण के क्षेत्र में तीनों डिस्कॉम में वर्तमान में अधिकतर कार्य आउँटसोर्स,एफआरटी, ठेके व सीएलआरसी इत्यादि नामों से निजी भागीदारी द्वारा करवाये जा रहे हैं। अब एचएएम मॉडल के तहत 33/11 केवी ग्रिड के फीडर सेग्रिगेशन व सोलराईजेशन के नाम पर आउटसॉर्स कर निजी हाथों में दिया जा रहा है।

जो कि ग्रिड सैफ्टी कोड का सीधा-सीधा उल्लंघन है। इसके कारण एचएएम मॉडल के तहत 33/11 केवी ग्रिड निजी हाथों में देने से राज्य व देश की सामरिक सुरक्षा को किसानों,जनता के आन्दोलनों,प्रदर्शनों एवं युद्ध के समय में खतरा उत्पन्न हो सकता है।

 प्रसारण निगम जो कि वर्षों से लाभ देने वाला संस्थान है उसके बावजूद इसके ग्रिडों का संचालन कलस्टर के माध्यम से ठेके पर देकर करवाया जा रहा है जिनमें से अधिकतर कंपनियां क्लस्टर छोडकर भाग चुकी हैं एवं मॉडल विफल हो चुका है फिर भी अब इनविट के माध्यम से प्रसारण की आर्थिक सुदृढता व लाभकारी स्थिति में विशेष योगदान देने वाले 765 केवी व 400 केवी ग्रिड सब-स्टेशन से प्राप्त होने वाली आय को इस मॉडल के माध्यम से निजि भागीदारों को बांटकर प्रसारण को भी हानि का निगम बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

 उत्पादन निगम के उच्च गुणवत्ताव एवं कम विद्युत उत्पादन लागत वाले तापीय विद्युत उत्पादन गृह, जो वर्तमान में सुचारु रुप से विद्युत उत्पादन कर रहे हैं और राजस्थान प्रदेश को विद्युत उत्पादन के क्षेत्र में आत्म निर्भरता प्रदान करने में महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं। इन पॉवर प्लान्टों को नये पॉवर प्लान्टों हेतु धन की कमी का बहाना बताकर केन्द्रीय सार्वजनिक निगमों के साथ संयुक्त उपक्रम (ज्वाईंट वेंचर) बनाकर हस्तान्तरित करने की प्रक्रिया को बन्द किया जाये।

राजस्थान सरकार इसमें अपने हिस्सा एवं आधिपत्य को बेवजह छोडकर प्रदेश की जनता व कर्मचारियों के हितों के साथ विश्वासघात कर रही है। वो भी तब जब इन वर्तमान तापीय विद्युत उत्पादन गृह में किसी प्रकार का पूंजीगत निवेश निगमों व राज्य सरकार को नहीं करना है।

इस दौरान संघर्ष समिति अध्यक्ष हाकिम सिंह गुर्जर, उमा शंकर शर्मा, ललित कुमार चंदेल, मनोहर सिंह चौहान, छगनलाल गर्ग, भंवरलाल लोहार, मानसिंह मीणा, अमर सिंह मीणा, सुनील रावत, भूपेंद्र सिंह एवं समस्त संघर्ष समिति सदस्य अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड आमेट उपस्थित थे।

M. Ajnabee, Kishan paliwal

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