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विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का लगाया आरोप : पीएचडी में नहीं मिला प्रवेश : बीएचयू में धरने पर बैठी छात्रा अर्चिता सिंह

उत्तर प्रदेश Published by: paliwalwani Updated Fri, 18 Apr 2025 01:04 AM
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विश्वविद्यालय प्रशासन पर लापरवाही का लगाया आरोप : पीएचडी में नहीं मिला प्रवेश : बीएचयू में धरने पर बैठी छात्रा अर्चिता सिंह
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वाराणसी. काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के हिंदी विभाग में पीएचडी प्रवेश को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विश्वविद्यालय की छात्रा अर्चिता सिंह पीएचडी में दाखिला न मिलने से आहत होकर सेंट्रल ऑफिस के सामने धरने पर बैठ गई हैं। छात्रा का कहना है कि विभागीय लापरवाही के कारण उनका शैक्षणिक भविष्य खतरे में पड़ गया है।

अर्चिता सिंह, पुत्री अजय सिंह, ने शोध प्रवेश परीक्षा (RET 2024-2025) में हिंदी विभाग के अंतर्गत EWS कोटे में 5 मार्च 2025 को साक्षात्कार दिया था। उन्होंने बताया कि उस समय नवीनतम EWS प्रमाण पत्र उपलब्ध न होने के कारण विगत वर्ष का प्रमाण पत्र जमा किया गया था। इसके बाद विभाग द्वारा निर्धारित समयसीमा के भीतर, 29 मार्च को मेल के माध्यम से और 1 अप्रैल को भौतिक रूप से विभाग में प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर दिया गया।

अर्चिता ने आरोप लगाया कि दस्तावेज जमा करने के बावजूद उनका परिणाम जारी नहीं किया गया। उन्होंने बताया कि वह प्रतीक्षा सूची में पहले स्थान पर हैं और यदि सूची जारी होती है, तो उनका प्रवेश सुनिश्चित हो सकता है। उन्होंने कुलपति, रजिस्ट्रार, एकेडमिक रजिस्ट्रार और यूजीसी समन्वयक तक को पत्र भेजा, लेकिन अब तक कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।

धरना दे रही छात्रा का कहना है कि अन्य चयनित अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए 15 अप्रैल 2025 को बुलाया गया, लेकिन उन्हें नजरअंदाज किया गया। उनका कहना है कि नियमों के तहत सभी दस्तावेज तय समय पर जमा कर दिए गए, इसके बावजूद प्रशासन उनकी अनदेखी कर रहा है।

छात्रा ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील की है कि प्रतीक्षा सूची का परिणाम जल्द जारी कर उन्हें प्रवेश दिलाया जाए, अन्यथा उनका शैक्षणिक भविष्य अंधकार में चला जाएगा। विश्वविद्यालय की ओर से अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।

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