उदयपुर.
अखिल भारतीय साहित्य परिषद भीलवाड़ा महानगर (चित्तौड़ प्रांत) के तत्वावधान में आदर्श विद्या मंदिर, शास्त्री नगर भीलवाड़ा में प्रांतीय कथा-संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. जिसकी अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष विष्णु शर्मा 'हरिहर' ने की, मुख्य अतिथि सांसद दामोदर अग्रवाल थे.
उदयपुर इकाई की महामंत्री आशा पांडे 'ओझा' ने बताया कि कार्यक्रम में "भारतीय कुटुंब व्यवस्था का महत्व" विषय पर आयोजित कहानी प्रतियोगिता में विभिन्न वर्गों के विजेताओं को सम्मानित किया गया. जिसमें उदयपुर जिले से प्रथम रही 'डॉ.ममता पानेरी (W/O डॉ. सुरेन्द्र पालीवाल), द्वितीय-प्रियंका भट्ट, तृतीय-मीनाक्षी पंवार को स्मृति चिह्न,उपरणा व माला द्वारा सम्मानित किया गया.
'नब्ज़' कहानी के माध्यम से डॉ. ममता पानेरी ने यह बताने का प्रयास किया कि वर्तमान पीढ़ी भारतीय कुटुंब व्यवस्था के महत्व को नहीं समझ पा रही है और इस कारण से एक विधवा मां की मन: स्थिति भी उसका अपना ही बेटा नहीं समझ पाता है और उसकी गुस्से में कही गई बात का बुरा मानकर केवल घर छोड़कर ही नहीं जाता है, बल्कि अपने परिवार से वह नफ़रत करने लगता है. जबकि उसे नहीं पता होता है कि उसके एक सफल न्यूरोलॉजिस्ट बनने का पूरा श्रेय उसके दादाजी को था. किन्तु कहानी के अंत में लेखिका बड़ी ही खूबसूरती से उसकी आंखों के पर्दे को उसकी ही प्रेमिका के माध्यम से उठाते हुए कहानी का सुखांत करते हुए, जो डाक्टर मरीजों की नब्ज देखकर इलाज करता है, उसे भारतीय कुटुंब व्यवस्था की नब्ज़ से परिचित कराती है.
ज्ञातव्य है कि डॉ. ममता पानेरी W/O डॉ सुरेन्द्र पालीवाल को पूर्व में भी कविता, कहानी और साहित्य के क्षेत्र में अनेक संगठनों और संस्थाओं से सम्मानित किया गया है. कार्यक्रम में अखिल भारतीय साहित्य परिषद के कार्यकर्ताओं एवं राजस्थान के गणमान्य साहित्यकारों एवं साहित्यानुरागियों का सानिध्य प्राप्त हुआ.