रतलाम : (जगदीश राठौर...✍️) न्यायालय विशेष न्यायाधीश पॉक्सो एक्ट रतलाम योगेंद्र कुमार त्यागी द्वारा पारित निर्णय के अनुसार अभियुक्त गोकुल पिता गिरधारी उम्र 32 वर्ष निवासी नरसिंह मंदिर के पास खाचरौद जिला उज्जैन वर्तमान निवासी संजय कॉलोनी राजगढ जिला धार को धारा 5/6 पॉक्सो एक्ट में 10 वर्ष का कठोर कारावास और 1000 रू अर्थदंड, धारा 366 भादवि में 5 वर्ष का कठोर कारावास और 1000 रू अर्थदंड, धारा 363 भादवि में 2 वर्ष का कठोर कारावास और 500 रू अर्थदंड दंडित किया गया।प्रकरण में पैरवीकर्ता विशेष लोक अभियोजक पॉक्सो एक्ट श्रीमती गौतम परमार ने बताया कि अभियोक्त्री के पिता ने 16 दिसंबर 2015 को थाना बिलपांक पर उपस्थित होकर बताया कि मेरी नाबालिक लडकी जिसकी उम्र 17 वर्ष 6 माह है 13. दिसंबर 2015 की रात्रि 08 बजें घर से बिना बताये कही चली गई है। अभियोक्त्री को गॉव एवं आसपास तलाश करने पर नहीं मिली। मुझे शंका है ईट के भट्टे पर काम करने वाला गोकुल मेरी लडकी को बहला फुसलाकर भगाकर ले गया है।
फरियादी की सूचना पर थाना बिलपांक द्वारा अपराध धारा 363 भादवि का प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान में लिया गया। पुलिस ने अभियोक्त्री को आरोपी गोकुल के कब्जें से बरामद किया एवं आरोपी को गिरफ्तार कर थाना बिलपांक लेकर आयी। जहा पर दस्तयाबी पंचनामा बनाया तथा अभियोक्त्री के कथन लेख किए गए। अभियोक्त्री ने अपने कथन में बताया कि आरोपी गोकुल मेरे गॉव के निवासी भरत प्रजापत का भाणेज होकर गॉव में निवास कर रहा था, इस कारण मेरी और आरोपी गोकुल की जान पहचान हो गई थी। मैं एवं आरोपी दोनो एकदूसरे को पसंद करते थे लेकिन मेरे घरवालो ने आरोपी गोकुल से बात करने से मना कर दिया था और कहा था कि हम तेरी शादी कही और कर देगे। मैंने यह बात आरोपी गोकुल को बतायी तो आरोपी गोकुल ने कहा कि हम दोनो भागकर शादी कर लेगेे । फिर 13. दिसंबर 2015 को मेरी आरोपी गोकुल से बात हुई तो आरोपी गोकुल ने कहा कि तु घर से बाहर आजा फिर हम भाग जाएगे और शादी कर लेगे। फिर उसी रात मैं बिना बतायी अपने घर से थोडी दूर स्थित नहर के पास चली गई जहॉ गोकुल मुझे मिला। फिर हम दोनो बस से खरगोन गये और वहॉ एक कमरा लेकर रहे। खरगोन में रहने के दौरान गोकुल ने मेरे साथ पति पत्नि का संबंध बनाया और बोला कि मैं तुझसे शादी करूगा लेकिन मेरे साथ शादी नहीं की। फिर मुझे और गोकुल को पुलिस अपने साथ थाना बिलपांक पर लेकर आयी थी।
विवेचना उपरांत पुलिस थाना बिलपांक द्वारा अभियोग पत्र माननीय विशेष न्यायालय पॉक्सो एक्ट रतलाम में धारा 363,366,376 भादवि एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत पेश किया गया। न्यायालय द्वारा अभियुक्त के विरूद्ध धारा 363,366,376(2)(एन) भादवि एवं 5/6 पॉक्सो एक्ट में आरोप विरचित किए गए। विचारण उपरांत विशेष न्यायालय रतलाम द्वारा पारित निर्णय अनुसार अभियोजन की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजी एवं मौखिक साक्ष्य को प्रमाणित मानते हुए आरोपी को दोषसिद्ध किया गया।