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नेहरू ने आजादी की लड़ाई में 9 साल जेल में गुजारे, सावरकर ने ब्रिटिश एजेंट के रूप में काम किया- गहलोत

राजस्थान Published by: Paliwalwani Updated Mon, 30 Aug 2021 08:26 PM
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आजादी के अमृत महोत्सव पर भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) के पोस्टर पर सियासी विवाद शुरू हो गया है। पोस्टर पर पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की फोटो नहीं लगाने और वीर सावरकर का फोटो लगाने को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नेहरू का फोटो नहीं लगाने पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया है। साथ ही, सावरकर की देशभक्ति पर फिर सवाल उठाए हैं। गहलोत ने सावरकर को ब्रिटिश एजेंट और गद्दार कहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बयान जारी कर कहा- ICHR आजादी के अमृत महोत्सव के पोस्टर में पंडित जवाहर लाल नेहरू की तस्वीर का नहीं होना निंदनीय है। यह केंद्र सरकार की छोटी सोच का प्रदर्शन भी है। पंडित नेहरू आजादी की लड़ाई के दौरान 9 बार जेल गए। उन्होंने अपने जीवन के 3259 दिन, करीब 9 साल जेल में गुजारे। अंग्रेजों का विरोध करते हुए कई बार उन्होंने बल प्रयोग का सीना तान कर सामना किया। विनायक दामोदर सावरकर ने जेल जाने के एक साल बाद ही अंग्रेजों से माफी मांगना शुरू कर दिया था। कुल 6 बार माफी मांगी और जेल से रिहा होने के बाद ब्रिटिश एजेंट बनकर काम किया। पंडित नेहरू फौलाद की तरह अंग्रेजों के सामने खड़े रहे और भारत को आजादी दिलाकर अपना संकल्प पूरा किया।

नेहरू के पिता ने अपना घर आनंद भवन तक क्रांतिकारियों को दिया था

गहलोत ने कहा- नेहरू जी ने भारत ही नहीं विश्व पटल पर भी भारत की आजादी की बात मजबूती से रखी। भारत के सबसे अमीर परिवारों में से एक नेहरू परिवार के सदस्य जवाहर लाल नेहरू ने अपने देश की खातिर सारी सुख-सुविधाओं का त्याग कर अपना जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया। नेहरू परिवार के सभी सदस्यों- मोतीलाल नेहरू, स्वरूप रानी नेहरू, जवाहर लाल नेहरू, कमला नेहरू, विजयलक्ष्मी पंडित, कृष्णा नेहरू और इंदिरा प्रियदर्शनी नेहरू का भारत की आजादी की लड़ाई में बड़ा योगदान रहा है। उनके पिता मोतीलाल नेहरू ने अपना घर आनंद भवन भी क्रांतिकारियों के लिए दे दिया था। मोतीलाल नेहरू ने स्वराज पार्टी बनाकर आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाया। आजादी की खातिर अपना घर तक छोड़ देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने की कोशिश करना मोदी सरकार की बेवकूफी मात्र है।

नेहरू ने आजाद हिंद फौज के सिपा​हियों के मुकदमे लड़े

गहलोत ने कहा- जब सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिन्द फौज (INA) के तीन प्रमुख कमांडरों सहगल, ढिल्लन और शाहनवाज पर अंग्रेजों ने मुकदमा चलाया तो नेहरू ने पूरे देश में इनके समर्थन के लिए कैंपेन चलाया। आईएनए डिफेंस कमेटी बनाई। नेहरू ने अन्य वकीलों के साथ मिलकर लाल किले में वकालत करते हुए इनका मुकदमा लड़ा और आजाद हिन्द फौज के सैनिकों के मृत्युदंड को माफ करवाया। दूसरी तरफ विनायक दामोदर सावरकर ने आजाद हिंद फौज के खिलाफ ब्रिटिश सरकार की तरफ से लड़ने के लिए युवाओं को ब्रिटिश फौज में भर्ती करवाया। देश के साथ गद्दारी करने वाले ऐसे लोगों को स्वतंत्रता सेनानी बताना सभी स्वतंत्रता सेनानियों का अपमान है। अपना तन,मन, धन और जीवन देश की आजादी की लड़ाई लड़ने एवं आधुनिक भारत की नींव रखने के लिए लगा देने वाले पंडित नेहरू के योगदान को कमतर दिखाने के कुप्रयास का खामियाजा भाजपा सरकार को भुगतना पड़ेगा और समय आने पर देश मोदी सरकार को सबक सिखाएगा।

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