कोलकाता. सुप्रीम कोर्ट द्वारा हड़ताल वापस लेने की अपील के बावजूद बंगाल के जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट अपना आंदोलन वापस नहीं लेंगे। पिछले 14 दिनों से हड़ताल पर डटे राज्य के जूनियर डाक्टरों ने आरजी कर अस्पताल में अपनी सहकर्मी महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म व हत्या के विरोध में न्याय मिलने तक अपनी हड़ताल जारी रखने की घोषणा की है।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट की अपील के मद्देनजर हड़ताल वापस लेने पर चर्चा के लिए आरजी कर अस्पताल में धरने पर बैठे जूनियर डॉक्टरों की यहां लगातार बैठकें भी जारी रही। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार दिन में आरजी मामले में सुनवाई के दौरान प्रदर्शनकारी चिकित्सकों से हड़ताल वापस लेने की अपील करते हुए उन्हें आश्वासन दिया था कि काम पर लौटने के बाद उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जायेगी।
सुप्रीम कोर्ट की अपील व आश्वासन के बाद दिल्ली एक्स के चिकित्सकों ने आरजी कर घटना के विरोध में 11 दिनों से जारी अपनी हड़ताल को गुरुवार शाम में समाप्त करने की घोषणा की। वहीं, दूसरी ओर हड़ताल के कारण बंगाल के सरकारी अस्पतालों में गुरुवार को लगातार 14वें दिन स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित रहीं। घटना के विरोध में जूनियर चिकित्सकों ने कार्य का बहिष्कार किया।
राज्य सरकार द्वारा केएमसीएच के तीन अधिकारियों का तबादला करने और आरजी कर अस्पताल के पूर्व प्राचार्य संदीप घोष की कलकत्ता मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (सीएनएमसी) में नियुक्ति रद कर दिए जाने के बावजूद आंदोलनकारी चिकित्सकों ने अपना आंदोलन जारी रखा।
आंदोलनकारी चिकित्सकों में से एक ने बताया कि हमारा आंदोलन जारी रहेगा क्योंकि हमारी कुछ ही मांगें पूरी की गई हैं। हमारी बहन को न्याय की मुख्य मांग अभी बाकी है। इससे पहले बंगाल सरकार ने घटना के विरोध में प्रदर्शन कर रहे जूनियर चिकित्सकों की मांग के आगे झुकते हुए बुधवार रात कोलकाता मेडिकल कालेज एवं अस्पताल के तीन वरिष्ठ अधिकारियों को हटा दिया।