केरल.
कोझिकोड में एक दिल दहला देने वाली घटना देखने को मिली है। दरअसल यहां गुरुवार को एक मंदिर उत्सव के दौरान दो हाथियों के भड़क जाने से तीन लोगों की मौत हो गई और कई अन्य लोग घायल हो गए। यह घटना कोयिलैंडी के कुरुवंगड में मनकुलंगरा मंदिर में उत्सव के दौरान घटी।
मृतकों की पहचान लीला, अम्मकुट्टी अम्मा और राजन के रूप में हुई है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हाथियों के भड़क जाने के बाद वहां भगदड़ मच गई जिसमें तीन लोगों की मौत हो गई। भगदड़ में लगभग तीस अन्य लोग घायल गए , जिसमें से 8 लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज और नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि यह हादसा तब हुआ जब मंदिर में आतिशबाजी हो रही है। इससे परेशान एक हाथी ने पास के ही एक हाथी पर हमला कर दिया। इसके बाद हाथियों से डरकर लोग इधर-उधर भागने लगे। कुछ देर की मशक्कत के बाद महावत हाथियों पर काबू पाने में सफल हो गए।
लेकिन तब तक भीड़ में कई लोग कुचले जा चुके थे। पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। दरअसल इससे पहले वायनाड जिले में एक जंगली हाथी के संदिग्ध हमले में 27 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी। पुलिस ने इस घटना की जानकारी दी थई।
पुलिस ने बताया कि मेप्पाडी पुलिस थाना की सीमा के अंतर्गत अट्टामाला के एक आदिवासी बस्ती की यह घटना बताई जा रही है। पुलिस ने बताया कि पीड़ित की पहचान आदिवासी समुदाय के सदस्य बालकृष्णन के रूप में हुई है। उन्होंने बताया कि यह घटना मंगलवार रात को हुई और उसका शव बुधवार को मिला। पुलिस और वन विभाग के अधिकारी इलाके में पहुंच कर मामले की जांच कर रहे हैं।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस जिले में केरल-तमिलनाडु सीमा पर नूलपुझा गांव के एक जंगल के किनारे के इलाके में जंगली हाथी के हमले में 45 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत के एक दिन बाद यह घटना सामने आई है। घटना के बाद, स्थानीय लोगों ने मंगलवार को विरोध प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि वे हाथियों सहित जंगली जानवरों के हमलों के लगातार खतरे के कारण अपने घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।
घटना कोयिलैंडी इलाके में स्थित मनाकुलंगरा भगवती मंदिर में शाम साढ़े 5 बजे हुई. ‘द हिंदू’ ने पुलिस सूत्रों के हवाले से लिखा है कि मंदिर में ‘सीवेली’ यानी हाथियों का जुलूस निकाला जा रहा था. इस दौरान पटाखों की तेज आवाज सुनकर हाथी उत्तेजित हो गए. उनमें से एक हाथी ने दूसरे हाथी में अपना दांत चुभा दिया. दोनों में भिडंत हो गई.
हाथियों ने मंदिर समिति के कार्यालय को तहस-नहस कर दिया. रिपोर्ट के मुताबिक, पीतांबरन और गोकुल नाम के दो हाथियों को काबू करने में लगभग दो घंटे लग गए. हालांकि, हाथियों के बेकाबू होने के बावजूद महावत को गंभीर चोट नहीं आई.
(इनपुट-भाषा के साथ)