मुंबई. उत्तर प्रदेश के लखीमपुर हिंसा की आंच दूसरे राज्यों तक भी पहुंच रही है. महाराष्ट्र में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार ने किसानों के मारे जाने के विरोध में 11 अक्टूबर 2021 को पूरे राज्य में बंद की घोषणा की है. एनसीपी नेता और सरकार के मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि हिंसा में मारे गए किसानों को जल्द से जल्द यूपी सरकार न्याय दिलाए, इसलिए हमने एक दिन के बंद का ऐलान किया है. इससे पहले, महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत को लेकर दुख प्रकट करते हुए बुधवार को एक प्रस्ताव पारित किया था. मंत्रियों ने किसानों के सम्मान में कुछ देर मौन खड़े होकर उन्हें श्रद्धांजलि दी और मौतों को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ने मारे गए किसानों को श्रद्धांजलि देने का प्रस्ताव पेश किया, जिसे राजस्व मंत्री और कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट और उद्योग मंत्री एवं शिवसेना के नेता सुभाष देसाई ने समर्थन दिया. मंत्रिपरिषद में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के सदस्य शामिल हैं.
शरद पवार ने जलियांवाला बाग से की तुलना : एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने लखीमपुर खीरी मामले की तुलना जलियांवाला बाग हत्याकांड से की है. पवार ने कहा कि देश के किसान कुछ मुद्दों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहे है, जिसे एक साल पूरा हो चुका है. दिल्ली की सीमा पर किसानों का एक समूह आंदोलन कर रहा है. जनवरी महीने में किसानों ने दिल्ली आने का प्रयत्न की तब भी उनकी आवाज़ को दबाया गया. पवार ने लखीमपुर खीरी की घटना के लिए बीजेपी को जिम्मेदार माना है. उन्होंने कहा कि किसानों पर बीजेपी के लोगों द्वारा गाड़ी चढ़ाने और आंदोलन को दबाने का काम पूरे देश ने देखा है. इस पूरे मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के जज से करवाई जानी चाहिए.