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स्लोगन धार से भी निकलने लगी है प्रतिभाएं जिपलिंग में शौर्य वीर मोड ने जीता गोल्ड

मध्य प्रदेश Published by: शैलेंद्र जोशी Updated Mon, 13 Jan 2025 01:02 AM
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शैलेंद्र जोशी

धार. एंकर वैसे तो धार एक आदिवासी अंचल होकर एक बेहद पिछड़े जिले में शुमार है, लेकिन कम संसाधनों के बावजूद भी इस शहर ने जहां बैडमिंटन में मैं आनेको खिलाड़ी दिए हैं, वहीं अब जिपलिंग प्रतियोगिता में भी धार की खेल प्रतिभाओं ने धार को एक पहचान दी है. 

हम बात कर रहे हैं धार के लिटिल चैंपियन शौर्य  वीर मोड की जिन्होंने पहले जम्मू कश्मीर में गोल्ड मेडल जीत कर प्रदेश का नाम रोशन किया. वही शौर्य वीर मोड ने मंदसौर में संपन्न हुई. सिलार चैंपियनशिप में भी गोल्ड हासिल किया. इस जिले में खेल शिवानी ने 18 किलोग्राम में गोल्ड मेडल तन्मय ने 24 किलोग्राम में गोल्ड मेडल प्राप्त किया. 

प्रतिभाओं की कमी नहीं है यदि सही संसाधन मिले और यदि पर्याप्त अवसर प्राप्त हुए, तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी धार की प्रतिभाएं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी धार की एक अलग-अलग पहचान बन सकती है. इस संबंध में जब हमने प्रशिक्षक अनूप पहलवान जी से बात की तो उन्होंने कहा की प्रतिभा तो है, पर संसाधनों की बहुत कमी है. फिर भी खिलाड़ियों में पर्याप्त जोश है. इसी का परिणाम है कि 5 से 6 पदक राजकीय स्तर के धार के खिलाड़ियों ने प्राप्त किया है, यदि सही अवसर मिला तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह प्रतिभाएं अपना स्थान बना सकती है.

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