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सुपरटेक दिवालिया हुई : 25000 घर खरीदारों को लगा बड़ा झटका : हितेश गोयल आईआरपी नियुक्त

निवेश Published by: Paliwalwani Updated Fri, 25 Mar 2022 09:22 PM
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नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत सुपरटेक के लिए इन-सॉल्वेंसी रेज्योलूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) हितेश गोयल को नियुक्त किया है. शुक्रवार को दोनों पक्षों की दलीलों को को सुनने के बाद ट्रिब्यूनल ने सुपरटेक को इनसॉल्वेंसी में डाल दिया है. सुपरटेक लिमिटेड का कर्ज करीब ₹ लगभग सहित 1,200 करोड़ ₹ उन्होंने कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 150 करोड़ का कर्ज. अरोड़ा के अनुसार, समूह में तीन-चार अन्य कंपनियां हैं जो दिल्ली-एनसीआर में कई परियोजनाएं विकसित कर रही हैं, जिनमें लक्जरी परियोजना सुपरनोवा भी शामिल है. एनसीएलटी की दिल्ली पीठ ने बकाया न चुकाने को लेकर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की याचिका को स्वीकार कर लिया है. नोएडा स्थित डेवलपर के लिए पिछले एक साल में यह दूसरा बड़ा झटका है.

दिल्ली-एनसीआर स्थित बड़ी रियल्टी कंपनी सुपरटेक लिमिटेड के साथ अपने घर की बुकिंग करा चुके होम बायर्स को शुक्रवार को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, डेवलपर जिसकी नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में कई बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं, वो 25 मार्च को दिवालिया हो गई है.

एनसीएलटी ने स्वीकार की याचिका :  बता दें कि सुपरटेक पर यूनियन बैंक का काफी कर्ज बकाया है. हालांकि, इसकी कितना कर्ज है इसकी जानकारी रिपोर्ट में नहीं दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्ज लौटाने पर कंपनी के बार-बार डिफॉल्ट करने की वजह से यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) की दिल्ली बेंच के पास सुपरटेक के खिलाफ इनसॉल्वेंसी की याचिका दायर की थी. इस याचिका को एनसीएलटी ने शुक्रवार को स्वीकार कर लिया है. 

होम बायर्स की बढ़ गई मुश्किलें :  रिपोर्ट में कहा गया है कि सुपरटेक की जो योजनाएं दिल्ली-एनसीआर में चल रही है वो अधूरी हैं और उनमें अपने घर बुक करा चुके लोगों की कमाई का बड़ा हिस्सा लगा हुआ है. ऐसे में अब जब सुपरटेक के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर दी गई है तो इससे करीब 25 हजार घर खरीदारों को बड़ा झटका लगा है. इन लोगों ने सुपरटेक की विभिन्न परियोजनाओं में अपने घर बुक किए हुए हैं और उन्हें अब तक कब्जा नहीं दिया गया है. 

हितेश गोयल आईआरपी नियुक्त : नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल ने दिवाला और दिवालियापन संहिता के तहत सुपरटेक के लिए इन-सॉल्वेंसी रेज्योलूशन प्रोफेशनल (आईआरपी) हितेश गोयल को नियुक्त किया है.

सुपरटेक समूह की अन्य कंपनियों के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा :  रियल्टी फर्म पहले से ही नोएडा में अपने दो टावरों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया में थी. सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 31 अगस्त को सुपरटेक के एपेक्स (100 मीटर) और सियेन (97 मीटर) को ध्वस्त करने का आदेश दिया था क्योंकि इमारत के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए दो टावरों का निर्माण किया गया था.

हालांकि, इसने यह भी कहा कि एनसीएलटी के आदेश से सुपरटेक समूह की अन्य कंपनियों के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. एनसीएलटी के आदेश से सभी चालू परियोजनाओं या कंपनी के संचालन पर निर्माण प्रभावित नहीं होगा और “हम आवंटियों को इकाइयों की डिलीवरी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

सुपरटेक लिमिटेड का कर्ज करीब ₹ लगभग सहित 1,200 करोड़ ₹ उन्होंने कहा कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 150 करोड़ का कर्ज. अरोड़ा के अनुसार, समूह में तीन-चार अन्य कंपनियां हैं जो दिल्ली-एनसीआर में कई परियोजनाएं विकसित कर रही हैं, जिनमें लक्जरी परियोजना सुपरनोवा भी शामिल है.

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