कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अपने यात्रियों को कई सुविधाएं देता है। इसी में से एक सुविधा ईपीएफओ अपने सदस्यों को मेडिकल इमरजेंसी और अस्पताल में भर्ती होने की स्थिति में अपने पीएफ का एक हिस्सा निकालने की अनुमति देता है। इसके तहत अब सदस्यों को एक राहत दी गई है, जिसमें बिना एस्टिमेट के पीएफ खाते से 1 लाख रुपए निकाल सकते हैं। जबकि पहले, अस्पताल एस्टिमेट देने के बाद ही निकासी की जा सकती थी। यह नियम से ही लागू किया गया है।
अब, ईपीएफओ सदस्यों को अस्पताल या दस्तावेज से अनुमान की आवश्यकता के बिना 1 लाख रुपए तक की एकमुश्त मेडिकल अग्रिम निकासी की अनुमति है। यह सुविधा केवल सीएस (MA) नियमों या केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (CGHS) के तहत आने वाले कर्मचारियों को ही दी जा सकती है। बीमारी के इलाज के लिए सरकारी या सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई (पीएसयू) या सीजीएचएस-लिस्टेड अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए निकासी की जा सकती है। वहीं निजी अस्पताल के मामले में फाइनल डिसबर्समेंट से पहले जांच के बाद ही निकासी की अनुमति दी जाएगी।
अगर मरीज को पहले ही अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, तो कर्मचारी को पीएफ निकासी की सुविधा का लाभ उठाने के लिए 45 दिनों के भीतर ईपीएफओ के पास मेडिकल बिल जमा करना होगा। कर्मचारी अन्य कारणों से भी अपना पीएफ ऑनलाइन आसानी से निकाल सकते हैं। यह ईपीएफओ के सदस्य ई-एसईडब्ल्यू पोर्टल के माध्यम से सुगम बनाया जा सकता है। वहीं कर्मचारी रिटायर होने के बाद पीएफ में अपनी पूरी बचत निकाल सकते हैं। हालाकि सेवानिवृत्ति से पहले भी, वे कुछ मानदंडों को पूरा करने पर आंशिक राशि निकाल सकते हैं।
पीएफ खाते में पैसा जमा करने के लिए अपने आधार कार्ड को यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (यूएएन) से जोड़ना अनिवार्य है। यह ईपीएफओ वेबसाइट के माध्यम से या उमंग मोबाइल ऐप के माध्यम से भी ऑनलाइन हो सकता है। वहीं पीएफ निकालने से पहले केवाईसी पूरा करना जरूरी है। केवाईसी के लिए पैन कार्ड की जरूरत होती है और ईपीएफओ प्रक्रिया पूरी करने के बाद पीएफ खाते को वेरिफाई कर सकते हैं।