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Indore News : नंबर वन बना इंदौर : नोटा को रिकार्ड तोड़ मत मिले

इंदौर Published by: sunil paliwal-Anil Bagora Updated Tue, 04 Jun 2024 08:07 PM
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इंदौर. देश भर में लोकसभा चुनाव के परिणाम सामने आ रहे है तो वही इंदौर ने एक बार फिर एक साथ दो रिकॉर्ड अपने नाम किए है. दरअसल लोकसभा चुनाव के नतीजों में जहा भाजपा के सांसद प्रत्याशी शंकर लालवानी ने देश भर में रिकॉर्ड मातों से जीत हासिल की है, तो वहीं इस बार NOTA में पड़े वोटो ने भी रिकॉर्ड बनाया है. इंदौर लोकसभा सीट पर 2 लाख से अधिक वोट NOTA को मिले है. पूरे भारत में आज तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड है.

स्वच्छता से लेकर हर तरह के रिकार्ड बनाने में अव्वल इंदौर ने इस बार नोटा का भी रिकार्ड बना डाला. भाजपा द्वारा कांग्रेस प्रत्याशी को यकायक चुनाव मैदान से हटाने और भाजपा में शामिल किए जाने की हरकतों से नाराज लोगों ने नोटा को हथियार बनाकर अपनी नाराजगी प्रकट की और अब तक देश में सर्वाधिक नोटा का रिकार्ड बनाने वाले बिहार के गोपालगंज में डले 51660 नोटा मतों के मुकाबले अब तक की गणना में ही नोटा के पक्ष में 69046 मत डल चुके थे. अभी मतगणना बाकी है और नोटा के मतों का यह आंकड़ा 2 लाख तक पार कर सकता है. नोटा के इस रिकार्ड ने भाजपा प्रत्याशी शंकर ललवानी की विराट जीत को भी फीका कर डाला.

इंदौर का लोकसभा चुनाव इस बार सन्नाटे वाला रहा, क्योंकि कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम रणछोड़दास साबित हुए और नाम वापसी के अंतिम दिन अपना नामांकन वापस लेकर भाजपा में शामिल हो गए, जिसको लेकर उनकी लगातार तीखी आलोचना भी होती रही. दूसरी तरफ भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी मैदान में अकेले बचे. हालांकि भाजपा ने अपने पक्ष में मतदान अवश्य करवाया और साढ़े 15 लाख से अधिक इंदौरियों ने वोट दिए.

मगर पहले दिन से ही नोटा को लेकर चर्चा शुरू हो गई और कांग्रेस ने भी नोटा का बटन दबाने का अभियान चलाया. वहीं शहर के जागरूक मतदाताओं ने भी नोटा को पसंद किया और कांग्रेस प्रत्याशी के ऐन वक्त पर पाला बदलने को लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं माना. यही कारण है कि शहर के कई बुद्धिजीवी और संभ्रांत मतदाताओं ने भी नोटा को वोट दिए और वह परिणाम से उजागर भी हो रहा है.

आज सुबह जैसे ही स्टेडियम में मतगणना शुरू हुई, तो सभी की उत्सुकता नोटा को लेकर ही थी, कि उसे कितने वोट मिले. जैसे-जैसे संख्या आगे बढ़ते गई नोटों की संख्या में भी इजाफा हुआ और चौथे राउंड में ही नोटा को 51 हजार 864 वोट मिल गए थे.

इसके चलते उसने बिहार के गोपालगंज सीट पर बने रिकॉर्ड को तोड़ दिए, जहां 51 हजार 660 वोट मिले थे. यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में नोटा को मात्र 5 हजार वोट ही हासिल हुए थे. जबकि इस बार पहले ही राउंड में नोटा का आंकड़ा 10 हजार पार हो गया था. दूसरी तरफ शंकर लालवानी जो रेस में अकेले ही दौड़ते हुए नम्बर वन भले ही आ गए हों मगर नोटा की चमक ने उनकी विराट जीत को भी एकतरह से फीका कर दिया. 

नोटा का मतलब क्या होता है

नोटा का मतलब होता के आपको कोई उम्मीदवार पसंद नहीं है. इंदौर में इस बार नोटा को 2 लाख वोट मिले हैं. भारत में इतने ज्यादा नोटा पर कभी वोट नहीं डाले गए हैं.

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