हैदराबाद के आठवें निज़ाम मुकर्रम जाह बहादुर कभी दुनिया के सबसे अमीर लोगों में से एक हुआ करते थे। उनके पास खजाने का बड़ा भंडार था। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, उनके पास करोड़ों रुपये की संपत्ति थी।
वह 6 महलों के भी मालिक थे, जिसमें हैदराबाद के ऐतिहासिक फलकनुमा और चौमहल्ला महल शामिल हैं। चौमहल्ला अब म्यूजियम बन चुका है। जबकि फलकनुमा लग्जरी होटल बन चुका है और ताज ग्रुप इसे संचालित करता है। 89 वर्षीय मुकर्रम जाह बहादुर का 14 जनवरी को इस्तांबुल में निधन हो गया। उन्हें पूरे राजकीय सम्मान के साथ ऐतिहासिक मक्का मस्जिद के ख़ानदारी कब्रिस्तान में दफनाया गया था।
टाइम मैगजीन ने साल 1937 में मुकर्रम जाह के पिता और हैदराबाद के सातवें निज़ाम मीर उस्मान अली पर कवर स्टोरी छापी गई थी। मैगजीन में उन्हें ‘दुनिया का सबसे अमीर शख़्स’ बताया गया था।
मीर उस्मान के पास नींबू के आकार का 282 कैरेट का जैकब डायमंड था। इसकी गिनती दुनिया के सबसे बड़े आकार के हीरों में होती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मीर उस्मान अली हीरे को पेपरवेट की तरह भी इस्तेमाल किया करते थे। उनके पास रोल्स-रॉयस का एक बेड़ा था, जिसमें सिल्वर घोस्ट थ्रोन कार भी शामिल थी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुकर्रम जाह के पास कथित तौर पर दुनिया का सबसे बड़ा ढाला हुआ सोने का सिक्का था। यह सिक्का (मोहर) उन्हें विरासत में मिला था। सिक्के का वजन 12 किलो था। साल 2002 में भारत सरकार ने मुकर्रम जाह को उनके विरासत में मिले गहनों के लिए 22 मिलियन डॉलर ( करीब 2.2 करोड़ रुपये) दिया था।
मुकर्रम जाह के मौत के बाद उनकी कुल संपत्ति की कीमत 100 करोड़ रुपये आंकी गयी थी। उनके पास कई कारें थीं। वह अपने दादा के गैरेज में 56 ज्यादातर टूटी-फूटी कारों पर काम कर समय गुजारते थे। द हिंदू के अनुसार, विंटेज कार कलेक्टर मोहम्मद लुकमान अली खान ने निजाम के व्यापक संग्रह के बीच एक बेंटले, एक जीप और एक मर्सिडीज का पता लगाया।
मुकर्रम जाह ने पांच बार शादी की थी। उन्होंने पहली शादी तुर्की (इस्तांबुल) की एक रईस महिला इसरा बिरगिन से की थी। दूसरी शादी साल 1979 में आयशा सीमन्स नाम की महिला से की थी, जिनकी साल 1989 में मौत हो गयी थी। इसके बाद उन्होंने 1992 में पूर्व मिस तुर्की मनोल्या ओनूर से शादी की। 1997 में ओनूर से भी उनका तलाक हो गया। फिर उन्होंने जमीला बौलारस नाम की एक मोरक्कन महिला से भी शादी की। मुकर्रम जाह ने आखिरी शादी साल 1994 में आयशा ओरचेदी से की थी।
मुकर्रम जाह की मौत के बाद अब पूरी संपत्ति उनके बेटे 63 वर्षीय मीर मोहम्मद अजमत अली खान (Mir Azmat Ali Khan) को मिलेगी। इसके अलावा उन्हें हैदराबाद का नौवें सांकेतिक निजाम की भी पदवी मिलेगी। केंद्र सरकार ने वर्ष 1971 में निजाम की पदवी का उन्मूलन कर दिया था इसलिए अजमत अली के पास नौवें निजाम की पदवी नहीं होगी।